वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जनता को देश की अर्थव्यवस्था पर भरोसा दिलाने की कोशिश करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के ताजा हालात पर सरकार के कदमों की जानकारी दी. शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि दुनियाभर के देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था फिलहाल बेहतर हालात में है. चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की वजह से अर्थव्यवस्था पर उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है लेकिन सरकार इसे संभालने की दिशा में काम कर रही है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने ब्याज दर में कटौती का फायदा ग्राहकों को MCLR के जरिए देने का फैसला किया है.
वित्तमंत्री ने आगे बताया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है. अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर और मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है. वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर संशोधित होकर 3.2 फीसदी से नीचे जा सकती है. वहीं वैश्विक मांग कमजोर रहने के आसार है. उन्होंने ये भी कहा कि जीएसटी रिफंड के सभी लम्बित पड़े मामलों को अगले एक महीने में निपटा दिया जाएगा. जबकि आगे आने वाले जीएसटी रिफंड के दावों का निपटान अगले दो महीनों में हो जाएगा. इस दौरान सीतारमण ने आॅटो सेक्टर को उपर उठाने की बात कही.
वित्त मंत्री ने किए ये बड़े ऐलान
- शेयर बाजार में कैपिटल गेन्स से सरचार्ज हटेगा. इससे शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को काफी फायदा होगा. साथ ही इससे विदेशी निवेशक भारत में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
- सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें. नकदी बढ़ेगी तो लोन देने में सुविधा होगी.
- बैंकों को ब्याज दरों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं को देना होगा. रेपो रेट कम होते की ब्याज दरें कम होंगी और ईएमआई घटेगी.
- लोन आवेदन की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी. लोन क्लोज होने के बाद सिक्यॉरिटी रिलेटेड डॉक्यूमेंट बैंकों को 15 दिन के अंदर देना होगा.
- डीमैट अकाउंट के लिए आधारमुक्त KYC होगी.
- स्टार्ट अप टैक्स निपटारे के लिए अलग सेल बनेगा.
- 31 मार्च, 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे. इलेक्ट्रिक व्हीकल का रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा.
- वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस को जून, 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
- व्हीकल और अन्य सामान खरीदने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऋण देने के लिए हाउसिंग फाइनेंस कम्पनियों को राष्ट्रीय हाउसिंग बैंक अतिरिक्त 20000 करोड़ रुपया देगा.