Politalks.News/Bihar. बिहार विधानसभा चुनाव का तीसरा और अंतिम चरण 7 नवंबर को शुरु हो रहा है. गुरुवार शाम 5 बजे तक चुनावी रैलियों का शोर पूरी तरह थम चुका है. तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है जिसमें बिहार की जनता 1204 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेगी. विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में एनडीए सरकार के 12 मंत्रियों के साथ कई दिग्गजों के भाग्य का फैसला भी होना है. इसी फेज के चुनावों में थर्ड फ्रंट पार्टी के सहयोगी असदुद्दीन ओवैसी और उपेंद्र कुशवाहा की रोलासपा के कई उम्मीदवारों की भी किस्मत का फैसला होना है. तीसरे चरण की 78 सीटों पर एनडीए की साख सबसे अधिक दांव पर लगी है क्योंकि जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का सबसे ज्यादा सीटों पर कब्जा है. लेकिन राजद यहां सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव मैदान में है.
तीसरे व अंतिम चरण में बिहार में 1204 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें गायघाट में सर्वाधिक 31 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बहादुरगंज, जोकिहाट, त्रिवेणीगंज व ढाका में 9-9 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समस्तीपुर के सरायरंजन से उम्मीदवार हैं. इनमें सुपौल से ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, बेनीपट्टी से मंत्री विनोद नारायण झा, दरभंगा के बहादुरपुर से खाद्य मंत्री मदन सहनी, मुजफ्फरपुर में सुरेश शर्मा, लौकहा से लक्ष्मेश्वर राय, रूपौली से बीमा भारती, आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, सिंहेश्वर से रमेश ऋषिदेव और कल्याणपुर से महेश्वर हजारी जैसे दिग्गजों की साख दांव पर है.
अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में केवटी से आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी, बिहारीगंज से शरद यादव की पुत्री सुभाषिणी यादव, सहरसा से पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, मधेपुरा से जेडीयू के निखिल मंडल, नरकटियागंज से कांग्रेस के विनय वर्मा, रामनगर से पूर्व मंत्री राजेश राम के नाम हैं. इसके अलावा अमौर से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान मैदान में है जबकि मधेपुरा से पप्पू यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
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एनडीए की ओर से जदयू सबसे अधिक 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि बीजेपी ने 35 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. वीआइपी पांच और हिंदूस्तान आवाम मोर्चा एक सीट पर ताल ठोक रही है. अंतिम चरण में 46 सीटों पर राजद के उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं जबकि 25 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. महागठबंधन के सहयोगियों में सीपीआई (माले) पांच और सीपीआई ने दो सीटें पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. पप्पू यादव, चिराग पासवान और असदुद्दीन ओवैसी की सारी उम्मीदें भी इस चरण से हैं. ओवैसी ने आखिरी चरण में दो दर्जन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में बिहार का फाइनल चरण की सियासी लड़ाई काफी रोचक होती नजर आ रही है.
तीसरे फेस की चुनावी सीटों पर एक नजर डालें तो 2015 में महागठबंधन के संग रहते हुए जदयू ने 17.31 फीसदी वोटों के साथ 23 सीटें जीती थी जबकि राजद 16.30 फीसदी वोट के साथ 20 सीटें जीती थी और कांग्रेस ने 8.38 फीसदी वोट के साथ 11 सीटें हासिल की थी. एनडीए की ओर से बीजेपी 25.79 फीसदी के साथ 20 सीटें ही जीत सकी थी. लोजपा को 3.81 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन पार्टी का खाता नहीं खुल सका. सीपीआई माले को एक सीट पर जीती मिली थी. इसके अलावा अन्य को तीन सीटें मिली थीं.
हालांकि, इस बार का राजनीतिक समीकरण बदल गया है और जदयू-बीजेपी एक साथ चुनावी मैदान में उतरी है. ऐसे में मौजूदा एनडीए के 43.83 फीसदी वोटों के साथ 43 सीटों पर कब्जा है, जिनमें बीजेपी, हम और वीआईपी पार्टी का भी वोट बैंक है. इस लिहाज से एनडीए और महागठबंधन के बीच करीब 16 फीसदी से ज्यादा वोटों का अंतर है.
अंतिम फेस में मुस्लिम बहुल सीमांचल तो यादव बहुल कोसी और ब्राह्मण बहुल मिथिलांचल की कुछ सीटों पर चुनावी जंग होनी है. इसमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर जिले की 78 सीटें हैं. ऐसे में इस चरण की साठ फीसदी यानी 45 से अधिक सीटें जिस गठबंधन के कब्जे में आएगी, उसके लिए सत्ता पर काबिज होना आसान हो जाएगा.
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इनके अलावा, वाल्मीकिनगर, रामनगर (सु.), नरकटियागंज, रूपौली, धमदाहा, पूर्णिया, कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी (एसटी), बरारी, कोढ़ा (एससी), आलमनगर, बिहारीगंज, सिंहेश्वर (एससी), मधेपुरा, सोनबरसा (एससी), सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर, केवटी, जाले, गायघाट, औराई, बोचहा (एससी), सकरा (एससी), बगहा, लौरिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौली, नरकटिया, मोतिहारी, चिरैया, ढाका, रीगा, बथनाहा (एससी), परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी और हरलाखी सीटों पर अंतिम चरण में मतदान होना है.
इसके अलावा बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, लौकहा, निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज (एससी), छातापुर, नरपतगंज, रानीगंज (एससी), फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर, वायसी, कसबा, बनमनखी (एससी), कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, महुआ, पातेपुर (एससी), कल्याणपुर (एससी), वारिसनगर, समस्तीपुर, मोरवा, और सरायरंजन सीटों पर भी चुनाव होना है.