Politalks.News/Bharat. मोदी सरकार के संसद में लाए गए कृषि बिलों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर करने के बाद वे अब कानून की शक्ल ले चुके हैं. इसके बाद देशभर में किसान संगठनों सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों का आंदोलन उग्र हो चला है. इसी कड़ी में सोमवार को कुछ लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में इंडिया गेट के सामने कृषि कानूनों के विरोध में नारे लगाते हुए एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंच आग को बुझा बुझाया. मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है जो पंजाब यूथ कांग्रेस के सदस्य बताए जा रहे हैं. इस घटना पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर सहित राजस्थान के दिग्गज नेताओं ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बीजेपी नेताओं ने घटना को ‘कांग्रेस का नाटक‘ करार दिया है.
दिल्ली में ट्रैक्टर जलाने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ता ट्रक में ट्रैक्टर लाए और इंडिया गेट के पास जलाया. यही कांग्रेस का नाटक इसलिए कांग्रेस को लोगों ने सत्ता से बेदखल किया’.
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ट्रक में ट्रेक्टर लाए और इंडिया गेट के पास जलाया। यही है कांग्रेस का नाटक। इसलिए कांग्रेस को लोगों ने सत्ता से बेदखल किया। https://t.co/uPOFizT3KR
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) September 28, 2020
घटना पर दिल्ली बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख नीलकांत बख्शी ने आरोप लगाया कि युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर लाकर हिंसा फैलाने के लिए उसमें आग लगा दी. वे देश में दंगे कराने की कोशिश कर रहे हैं और मैं इस साजिश को रोकने के लिए एफआईआर दर्ज कराऊंगा.
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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी घटना पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में आज अपना असली चेहरा दिखाया है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘आज दिल्ली में कांग्रेस ने अपना असली चेहरा दिखाया, किसानों के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. एक ट्रैक्टर जलाने का नाटक रचा गया, यह पूरा विषय दुर्भाग्यपूर्ण है.’
आज दिल्ली में कांग्रेस ने अपना असली चेहरा दिखाया, किसानों के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। एक ट्रैक्टर जलाने का नाटक रचा गया, ये सारा विषय दुर्भाग्यपूर्ण है: इंडिया गेट पर ट्रैक्टर में आग लगाने की घटना पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान pic.twitter.com/3ktSHd22Rf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2020
इधर, राजस्थान बीजेपी के नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी दिल्ली में ट्रैक्टर जलाने की घटना की निंदा की है और इसे किसान के साथ साथ शहीद भगतसिंह का भी अपमान बताया. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों को क्या संदेश दे रहे हैं? कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रक में ट्रैक्टर लादकर प्रदर्शन-निषिद्ध क्षेत्र में उसे आकर आग लगा देने की घटना विरोध नहीं बल्कि किसानों की आजादी के नाम पर हिंसा है. यह किसान व भगतसिंह जी दोनों का अपमान है.
कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों को क्या संदेश दे रहे हैं ?
कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रक में ट्रैक्टर लादकर प्रदर्शन-निषिद्ध क्षेत्र में उसे
लाकर आग लगा देने की घटना विरोध नहीं बल्कि किसानों की आजादी के नाम पर हिंसा है। यह किसान व भगतसिंह जी दोनों का अपमान है। #AntiFarmerCongress pic.twitter.com/MnhdIMV70i— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) September 28, 2020
दरअसल, राष्ट्रपति कोविंद ने रविवार को किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक- 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 सहित तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दी, जिनके चलते पिछले चार तीनों से चल रहा विरोध आंदोलन उग्र हो गया. खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, अब कर्नाटक, तमिलनाडू और राजधानी दिल्ली में भी तीव्र प्रदर्शन शुरु हो गए हैं.
इसी कड़ी में पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह खुद कथित तौर पर किसान विरोधी कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सबसे पहले शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां पहुंचे. यहां भगत सिंह को श्रद्धांजलि देकर मुख्यमंत्री कृषि कानून के खिलाफ धरने पर बैठ गए. उनके साथ पंजाब कांग्रेस के नेता और राज्य सरकार में मंत्री भी धरने पर बैठे. हरियाणा में भी लगातार चौथे दिन किसानों और उनके जुड़े संगठनों का प्रदर्शन जारी है.
कर्नाटक में किसानों से जुड़े संगठनों ने स्वैच्छिक बंद बुलाया जिसके बाद सड़कों पर यातायात सामान्य रहा. तमिलनाडू में डीएमके के एमके स्टालिन कृषि कानून के खिलाफ केंद्र सरकार पर जमकर बरसे. राजधानी दिल्ली में भी किसानों का प्रदर्शन हो रहा है.
Karnataka: All India Kisan Sabha & other orgs protest in front of Hemavathi statue in Hassan & hold bike rally, in protest against #FarmBills (now laws).
Farmers' orgs have called statewide bandh today against Farm Bills, land reform ordinances, amendments to APMC & labour laws pic.twitter.com/Wd4BlpAt4M
— ANI (@ANI) September 28, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मंचों से किसानों की शंकाओं को दूर कर चुके हैं. रविवार को हुई मन की बात में भी पीएम मोदी ने इन तीनों बिलों को किसान हितकारी बताया. वहीं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बार-बार कहा है कि किसानों से एमएसपी पर फसलों की खरीद पहले की तरह जारी रहेगी. सरकार का तर्क है कि कानूनों के बाद प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को उनके उत्पादों का लाभकारी दाम मिलेगा. हरियाणा सरकार में सहभागी जजपा के विधायक तक इन बिलों के विरोध में अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी बिलों में कुछ भी गलत होने पर इस्तीफा देने की धमकी दे चुके हैं.
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कृषि से जुड़े बिलों पर कांग्रेस और एनडीए में सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) सहित कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया था. यहां तक की मोदी सरकार में अकाली की एकमात्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने लोकसभा में विधेयकों पर मतदान से पहले इस्तीफा दे दिया था. इसी मुद्दे पर उनकी पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से 22 साल की दोस्ती खत्म करते हुए उनका छोड़ दिया. देश के अलग अलग राज्यों में कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके बाद भी राष्ट्रपति ने इन बिलों पर हस्ताक्षर करते हुए इन्हें कानून की शक्ल दे दी. इसके बाद किसान संगठन उग्र हो रहा है.