Politalks.News/Haryana. बीते 4 माह से केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गए तीनों कृषि कानूनों को लेकर देश भर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहें है. धुप, बारिश, सर्दी, गर्मी या फिर कोरोना इन सभी माहौल के बीच किसान अपने हक़ की लड़ाई को लेकर डटे हुए है. आज भी किसानों का यही कहना है कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लेती तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा. किसानों में बीजेपी के उन तमाम नेताओं के लिए नाराजगी भरी पड़ी है जिन्होंने जाने अनजाने इस बिल का समर्थन किया है और वो समय समय पर बहार भी आ ही जाती है. हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा जिसके बाद माहौल और बिगड़ गया. ये पहली बार नहीं है जब खट्टर को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा हो.
दरअसल रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पानीपत और हिसार कस्बों में 500 बेड क्षमता वाले दो कोविड अस्पतालों का उद्घाटन करने पहुंचे. सीएम खट्टर के हिसार पहुँचते ही किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने की भी कोशिश की. पुलिस को पहले से सुचना प्राप्त थी कि किसान हिसार में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम खलल डाल सकते हैं और इसे लेकर उन्होंने वहां बेरिकेड्स भी लगा रखे थे. लेकिन किसानों ने आक्रोशित होकर बेरिकेड्स तोड़ते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और अस्पताल की ओर कूच करने लगे.
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आक्रोशित किसानों को देख पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए किसानों को पीछे धकेलने की कोशिश की. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं. आंसू गैस के गोली छोड़े. बताया जा रहा है कि पुलिस की लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुए हैं. किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने दुर्भागयपूर्ण बताया और कहा कि आंदोलनकारी किसानों का रास्ता लाठी, गोली नही रोक सकती.
राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए कहा कि हरियाणा में निहत्थे किसानों पर लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान डरने वाले नही है. आंदोलनकारी का रास्ता लाठी, गोली नही रोक सकती. राकेश टिकैत ने लाठीचार्ज का विरोध करते हुए किसानों से कहा कि हमें यहां रुकना होगा रुकेंगे, गिरफ्तारी देनी होगी तो वो भी देंगे, उन्हें लाठीचार्ज करना है तो वो करें. इस शाशन का इलाज करने के लिए हम बैठे हैं और बिना इलाज के सरकार मानने वाली नहीं है.
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टिकैत ने आगे कहा कि 6 महीने हो गए आंदोलन को इनको शर्मा नहीं आती कि दिल्ली में आंदोलन चल रहा है पुरे देश का किसान आंदोलन कर रहा है, तो किसान किसी न किसी का तो विरोध करेगा ही और वो विरोध करेगा तो आप उस पर लाठीचार्ज कर दोगे. टिकैत ने कहा कि किसान तो अपना विरोध जाता रहे थे कोई मुख्यमंत्री के साथ मारपीट थोड़े कर रहे थे जो उन पर लाठीचार्ज कर दिया.
किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर राजस्थान के किसान नेता हनुमान बेनीवाल ने भी नाराजगी व्यक्त की है. केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान नेता एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पुलिस की लाठी,गोली व आंसू गैस किसानों की एकता को खंडित नही कर सकते. तो वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग ने भी हरियाणा सरकार के इस कृत्य की निंदा की और कहा कि आरएलपी किसानों के साथ खड़ी है.