कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके परिवार के हिंदू होने पर सवाल खड़े होते रहे हैं. इस बारे में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और राहुल गांधी किसी की अंतिम यात्रा में कलमा पढ़ते नजर आ रहे हैं. दावा यिका जा रहा है कि ये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अंतिम यात्रा है और इस यात्रा में राहुल, राजीव कलमा पढ़ रहे हैं. सोशल मीडिया पर सवाल पूछा जा रहा है कि कलमा पढ़ने वाला व्यक्ति हिंदू कैसे हो सकता है.
दावा क्या है?
राजस्थान बीजेपी के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने भी इस फोटो को फेसबुक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, ‘इंदिरा गांधी जी की पार्थिव देह पर कलमा पढ़ते उनके पुत्र राजीव गांधी और पौत्र राहुल गांधी, अंतिम प्रणाम करते पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव.’ उनकी इस पोस्ट को फेसबुक के कई यूजर्स ने शेयर किया है. ‘पॉलिटॉक्स’ ने जब इस फोटो की पड़ताल की तो सामने आया कि ये फोटो 30 साल पुरानी है. असल में 20 जनवरी, 1988 को स्वतंत्रता सेनानी रहे खान अब्दुल गफ्फार खान का 98 साल की उम्र में निधन हो गया था. उनके जनाजे में राजीव गांधी, राहुल गांधी और नरसिम्हा राव भी शामिल हुए थे. ये फोटो उसी वक्त का है.
सच क्या है?
यानी वायरल फोटो इंदिरा गांधी की अंतिम यात्रा की नहीं है.पूर्व प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी की मौत गफ्फार खान की मौत से 4 साल पहले 31 अक्टूबर, 1984 को ही हो गई थी. यह भी जान लीजिए कि खान अब्दुल गफ्फार खान कौन थे. गफ्फार खान का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था और उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी पेशावर में ही ली. उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी थी इसलिए उन्हें ‘सरहदी गांधी’ के नाम से भी जाना जाता है. पाकिस्तानी सरकार ने उन्हें उनके घर में ही नजरबंद कर दिया था. उनकी मौत के बाद उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें अफगानिस्तान के जलालाबाद में दफनाया गया.