पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ देशद्रोह और नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है. जफरुल इस्लाम ने दो दिन पहले 28 अप्रैल को अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिया था. संत कुंज के रहनेवाले एक व्यक्ति की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष की ओर से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने कहा कि मैंने एफआईआर नहीं देखा है. जब मैं इसे देखूंगा या फिर इसके बारे में मुझे पता चलेगा, तभी कुछ टिप्पणी करूंगा.
इस संबंध में स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त (ज्वॉइंट कमिश्नर) नीरज ठाकुर ने कहा कि भारतीय आचार संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर दो समूहों में वैमनस्यता को बढ़ावा देना और समानता व सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की धारणा से कार्य करना) के आधार पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है.
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वसंत कुंज के रहनेवाले एक व्यक्ति की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है. सफदरजंग एनक्लेव के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के जरिए यह शिकायत लोधी कॉलोनी स्थित आतंक-रोधी दल (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) के स्पेशल सेल ऑफिस में पहुंची. शिकायत में कथित तौर पर आरोप लगाया गया है कि 28 अप्रैल को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने ट्विटर और फेसबुक पर एक सोशल मीडिया पोस्ट किया जो कि भड़काऊ है और इसका मकसद सौहार्द को बिगाड़ना और समाज में भेदभाव को पैदा करना है.
इस पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ धारा 124A और 153A के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. उन पर आईपीसी की धारा 124A देशद्रोह और 153 नफरत फैलाने के तहत मामला दर्ज किया गया है.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल ने मांगी माफी
वहीं आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने फेसबुक पोस्ट पर 28 अप्रैल के अपने बयान को लेकर माफी मांगी है. उन्होंने बयान जारी कर कहा, ‘मेरा इरादा गलत नहीं था. 28 अप्रैल, 2020 को मेरे द्वारा जारी किए गए ट्वीट में उत्तर-पूर्वी जिले की हिंसा के संदर्भ में कुवैत को भारतीय मुसलमानों के उत्पीड़न पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया गया, कुछ लोगों को इससे पीड़ा हुई, जो कभी भी मेरा उद्देश्य नहीं था.’
जफरुल खान ने कहा, ‘मुझे महसूस होता है जिस समय पूरा देश मेडिकल इमरजेंसी का सामना कर रहा है, उस समय मेरा ये ट्वीट असंवेदनशील था, मैं उन सभी से माफी मांगता हूं, जिनकी भावनाएं आहत हुईं.’ खान ने आगे कहा कि मैंने मीडिया के एक हिस्से को गंभीरता से लिया है जिसने मेरे ट्वीट को विकृत कर दिया और मुझे उन चीजों के लिए जिम्मेदार ठहराया जो मैंने कभी नहीं कहा. जरूरत पड़ी तो आगे कानूनी कदम उठाए जाएंगे.
क्या है पूरा मामला
जफरुल इस्लाम ने 28 अप्रैल को सोशल मीडिया पर कहा था कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है. इतना ही नहीं, धमकी भरे लहजे में लिखा गया कि अगर भारतीय मुसलमानों ने भारत में धर्म के नाम पर हो रहे कथित अत्याचार के खिलाफ अरब और मुस्लिम देशों से शिकायत कर दी तो कट्टर लोगों को जलजले का सामना करना होगा.