लोकसभा चुनाव जैसे ही खत्म हुआ, मानो ऐसा लगा जैसे ‘ईवीएम’ नाम जिन्न गुफा से बाहर निकल आया हो और बीजेपी के पक्ष में कह रहा हो ‘क्या हुकुम है मेरे आका’. उस जिन्न से नरेंद्र मोदी ने कहा ‘हे ईवीएम जिन्न, मेरी सरकार बना दो’. इस पर जिन्न ने कहा, ‘जो हुकुम मेरे आका’. इसके बाद जो हुआ, वह सब के सामने है, करीब-करीब सभी एग्ज़िट पोल ने एनडीए की सरकार बना दी.
अब इस ईवीएम रूपी जिन्न से डरकर सभी विपक्षी दलों ने पहले सुप्रीम कोर्ट और वहां से दुतकारे जाने के बाद लामबंध होकर चुनाव आयोग के दरवाजे पर अपनी हाजिरी देने पहुंच गए. इस दल में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और टीएमसी के डिरेक ओ ब्रायन सहित कई दिग्गज नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे.
‘ईवीएम रूपी जिन्न’ के बारे में बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि एग्जिट पोल से विपक्ष इतना हताश और निराश क्यों? विपक्ष को ईवीएम से नहीं बल्कि जनता के मिजाज से डर लग रहा है. मुद्दा विहीन विपक्ष ने मोदी को गाली देकर वोट मांगा और हमने मोदी के काम को आगे रख कर. आम जनता में मोदी के विश्वसनीयता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोदी के एक अपील पर हिंदुस्तान के करोड़ों जनता ने सब्सिडी लेना छोड़ दिया. वहीं मीडिया को दिए गए स्टेटमेंट में उन्होंने कहा कि ‘जब राजस्थान-एमपी में जीते तो EVM बड़ा अच्छा, मीठा-मीठा गप-गप, तीखा-तीखा थूं-थूं’.
अब ऐसा नहीं है कि यह जिन्न इतना शक्तिशाली है कि विपक्ष की लंबी फौज का सामना कर सके. इसके बचाव के लिए चुनाव आयोग ने भी पूरी मुस्तैदी से अपनी फिल्डिंग जमा रखी है. पहले तो सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से वीवीपैट की पर्चियों के मिलान पर होने वाली सुनवाई से मना कर दिया. बाद में चुनाव आयोग ने भी इसपर विचार करने के लिए समय मांगा है.
एग्ज़िट पोल आने के बाद वैसे ही विपक्ष डरा हुआ है. वहीं जब चुनाव के परिणाम आ जाएंगे, उसके बाद ईवीएम पर सुनवाई हो या न हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. वहीं कांग्रेस और बीजेपी ने इस बोटल वाले जिन्न की सुरक्षा के लिए रात्री जागरण करना शुरू कर दिया है. भोपाल में कार्यकर्ता अंताक्षरी खेल ईवीएम मशीनों पर नजर रख रहे हैं. तरीका थोड़ा अजीब है लेकिन मतलब साफ है कि किसी भी हालत में इसे कुछ हो न जाए. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कार्यकर्ताओं को एग्ज़िट पोल पर नजर रखने को कहा है.
वहीं आजमगढ़ में ईवीएम के खिलाफ मुहिम चलाने वाले सोशल मीडिया ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार कर लिया गया है. मतलब साफ है, पूरी तरह इस ईवीएम के जिन्न को बचाने की कोशिश की जा रही है. जब यह तय हो गया है कि यह जिन्न पूरी तरह से सुरक्षित है, ऐसे में यह तो पक्का है कि ईवीएम का जिन्न अपने आका नरेंद्र मोदी की जीत का ख्वाईश को हर तरीके से पूरा करेगा.