लोकसभा चुनावों में आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में चुनाव आयोग में मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं. इस मामले में अब चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा आमने-सामने हो गए हैं. आयोग के आचार संहिता उल्लंघन के कई मामलों में असहमति देने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर आचार संहिता मामले में आयोग के फैसलों में आयुक्तों के बीच मतभेद को भी आधिकारिक रिकॉर्ड पर शामिल करने की मांग की है.
बता दें, लोकसभा चुनाव में चुनाव आयुक्त अशोक लवासा आयोग के लगातार अमित शाह और नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लघंन मामले में क्लीन चिट देने और और विरोधी दलों के नेताओं को नोटिस थमाए जाने के नाराज बताए जा रहे हैं.
लवासा के पत्र लिखने के मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग में 3 मेंबर होते हैं और तीनों एक-दूसरे के क्लोन नहीं हो सकते. यह जरुर नहीं कि तीनों सदस्यों की राय एक जैसी हो. मैं किसी भी तरह के बहस से नहीं भागता. हर चीज का समय होता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो अरोड़ा ने इस मामले में पूरी तरह अपनी चुप्पी साध ली है.
गौरतलब है कि वर्तमान लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष खुलकर आयोग पर आरोप लगा रहा है कि वह निष्पक्ष रूप से फैसले नहीं ले रहा. बंगाल में अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के बाद तय समय से 20 घंटे पहले ही चुनाव प्रचार पर बैन को लेकर भी आयोग की तीखी आलोचना हुई थी. वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि चुनाव आयोग मोदी और शाह के इशारे पर काम कर रहा है. वहीं दूसरी पार्टियां भी आयोग पर लगातार ऐसे आरोप जड़ रही है.