उपचुनाव अपडेट: सहाड़ा में ‘चुनावी शोर’, पितलिया की चर्चा के आगे विकास के सभी मुद्दे हुए गौण

साहड़ा विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा लादूलाल पितलिया के चलते चर्चाओं में, पितलिया का एक और कथित ऑडियो भी हो रहा है वायरल, जिसमें पितलिया एक कार्यकर्ता से बोल रहे हैं कि 'हमें तो बैंगलुरु तक तकलीफ दे दी है, अब आप समझ जाओ'

सहाड़ा में 'चुनावी शोर', पितलिया की चर्चा के आगे विकास के सभी मुद्दे हुए गौण
सहाड़ा में 'चुनावी शोर', पितलिया की चर्चा के आगे विकास के सभी मुद्दे हुए गौण

Politalks.News/RajasthanByElection. प्रदेश में रिक्त हुई विधानसभा की तीन सीटों राजसमंद, सुजानगढ़ और सहाड़ा पर उपचुनाव का घमासान जारी है. लेकिन सबसे दिलचस्प मुकाबला सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव का माना जा रहा है. सहाड़ा विधानसभा सीट का उपचुनाव किसी अखाड़े से कम नहीं है और सबसे दिलचस्प बात ये है कि ये चुनाव कांग्रेस या बीजेपी के प्रत्याशियों के लिए नहीं, बल्कि बीजेपी के बागी और निर्दलीय नामांकन करने वाले लादूलाल पितलिया के चलते चर्चाओं में है. बीजेपी ने जैसे तैसे पितलिया का निर्दलीय के रूप में किया गया नामांकन तो वापस करवा दिया, लेकिन इस पूरे झमेले में बीजेपी के हाथ लगता कुछ नहीं दिख रहा है.

प्रशासन ने कर्नाटक के बड़े व्यापारी लादूलाल पितलिया को बाहरी राज्य से आने का हवाला देते हुए 15 दिन क्वारेंटाइन रहने का नोटिस जारी कर दिया है, और मंगलवार से लादूलाल भीलवाड़ा में होम क्वारेंटाइन हो भी गए हैं. प्रशासन ने लादूलाल की कथित निगरानी के लिए 5 होमगार्ड की तैनाती कर रखी है, हालांकि पितलिया क्वारेंटाइन होने के बावजूद एहतियात बरतते हुए अपने कार्यकर्ताओं से तो मिल रहे हैं. लेकिन बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार में नहीं उतर पा रहे हैं.

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याद दिला दें कि लादूलाल पितलिया नामांकन वापसी के बाद सीएम अशोक गहलोत से सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आखिर पितलिया को डर किससे है? पूरे प्रकरण को लेकर सियासी पारा अभी भी उबाल मार रहा है, दोनों ही प्रमुख सियासी दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं और जनता की जुबां पर पितलिया का ही नाम है. इसी बीच कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने बीजेपी पर डराने धमकाने की राजनीति करने का आरोप लगाया है. वहीं लादूलाल पितलिया का एक और कथित ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें पितलिया एक कार्यकर्ता से बोल रहे हैं कि ‘हमें तो बैंगलुरु तक तकलीफ दे दी है, अब आप समझ जाओ‘.

सहाड़ा का सियासी गणित-
बता दें कि सहाड़ा की सीट कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी की मौत हो जाने के कारण खाली हुई है. कांग्रेस ने कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी को सहानुभूति की लहर का फायदा उठाने के लिए चुनाव लड़वाया है तो बीजेपी ने यहां से रतनलाल जाट को मैदान में उतारा है. इधर आरएलपी ने भी जाट कार्ड खेलते हुए बद्रीलाल जाट को टिकट दिया है. कांग्रेस की ओर से चुनाव की कमान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के साथ ही गहलोत के नजदीकी धर्मेन्द्र राठौड़ ने संभाल रखी है. वहीं बीजेपी की ओर से चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी और प्रदेश मंत्री श्रवणसिंह बगड़ी ने सहाड़ा विधानसभा सीट की जिम्मेदारी संभाल रखी है.

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कौन हैं लादूलाल पितलिया?
लादूलाल पितलिया नवंबर 2018 तक भाजपा में थे. टिकट नहीं मिलने से बगावत पर आए तो इन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. दिसंबर 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़े. विधानसभा चुनाव में 30,573 वोट मिले. 10 फरवरी 2020 में फिर घर वापसी हुई. करीब 40 दिन के बाद फिर पितलिया ने बगावत की राह पकड़ी और सहाड़ा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर दिया. बीजेपी के लिए गनीमत यह रही कि जैसे तैसे पितलिया का नामांकन वापस करवा दिया.

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