‘यह जंग नहीं आसां, बस इतना समझ लीजिए. आग का दरिया है और डूब कर जाना है.’ जी हां, कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है इस बार के जोधपुर लोकसभा चुनाव में. यहां सीएम अशोक गहलोत ने अपने पुत्र वैभव गहलोत को राजनीति के मैदान में तो उतार दिया है, लेकिन अब इस बाजी को जीतना उनके लिए अभिमन्यु के चक्रव्यूह से बाहर निकलने जैसा लग रहा है. पिछले दो चुनावों से वैभव गहलोत के राजनीतिक लॉन्चिंग की तैयारी चल रही थी मगर समय और परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए अशोक गहलोत ने इस बार वैभव गहलोत को चुनावी घमासान में उतारा है.

पिछले 20 दिनों से वैभव गहलोत का चुनावी प्रचार परवान चढ़ रहा है, लेकिन मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही सभी चुनावी दांव-पेंच लगाए जा रहे हैं. राजनीति के जादूगर माने जाने वाले अशोक गहलोत वैभव गहलोत की जीत को लेकर कितने चिंतित है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अशोक गहलोत पिछले 20 दिनों में तीन बार जोधपुर आ चुके हैं. शनिवार को एक ही दिन में अशोक गहलोत ने 5 विधानसभा क्षेत्र का तूफानी दौरा किया.

गहलोत के लिए वैभव की जीत के क्या मायने हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 20 साल बाद मुख्यमंत्री को एक बार फिर जोधपुर के भीतरी शहर की गलियां याद आईं और उन्होंने सड़क पर कदमताल करने के बाद दो दशक बाद नवचोकिया में चुनावी सभा को संबोधित किया. 1998 में जब गहलोत ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था उस समय उन्होंने यहां अंतिम बार चुनावी सभा की थी. 20 साल बाद जब उनके पुत्र वैभव मैदान में हैं तो एक बार फिर उन्हें यह आकर वोट मांगने पड़े हैं.

1998 के बाद पांच लोकसभा, पांच विधानसभा और 5 नगर निगम के चुनाव हो चुके हैं, लेकिन इनमें से किसी भी चुनाव मेंं अशोक गहलोत ने शहर के भीतर आकर चुनाव प्रचार नहीं किया. नवचोकिया में गहलोत ने सभी को यह विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि आज भी आप सभी मेरे दिल के करीब हैं और आपके आशीर्वाद से ही इस मुकाम पर पहुंचे हैं. गहलोत ने लोगों से आत्मीयता के रिश्ते को जोड़ते हुए कहा कि अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने नावचोकीया में कई चुनावी सभाएं कीं मगर आज की यह सभा सबसे बड़ी सभा है.

गहलोत ने जोधपुर के लोगों को विश्वास दिलाया कि उनकी हर समस्या का समाधान होगा. साथ ही मुख्यमंत्री निवास में जोधपुर से आने वाले लोगों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. जयपुर में उनके आदर-सत्कार का पूरा ध्यान रखा जाएगा. भाषण के अंत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी लोगों से वादा किया कि चुनाव खत्म होने के बाद वह एक बार फिर इसी चौक में आकर सभी से मुलाकात करेंगे.

दो दशक बाद नवचोकिया में आयोजित हुई इस जनसभा को लेकर अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीति के जानकार कयास लगा रहे हैं कि गहलोत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. उन्हें वैभव की जीत के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है. मतदान होने में अभी एक सप्ताह से अधिक का समय बचा हुआ है. ऐसी संभावना है कि इस दौरान गहलोत दो से तीन बार वापस जोधपुर आकर प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी इस सीट के लिए अपना पूरा दमखम लगाएंगे.

आपको बता दें कि जोधपुर में सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव का मुकाबला मोदी सरकार के मंत्री और जोधपुर के मौजूदा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत से है. शेखावत को मोदी-शाह का करीबी तो माना जाता ही है, बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उनमें राजस्थान में पार्टी की राजनीति की कमान संभालने की संभावना भी देखती है. पार्टी उनकी जीत के लिए कितनी फिक्रमंद है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोधपुर में सभा करने आ रहे हैं और अमित शाह रोड शो.

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