बुजुर्ग गहलोत अब निभाएं मार्गदर्शक की भूमिका, जनमानस चाहता है पायलट को सौंपा जाए नेतृत्व- चौधरी

मुलाकातों के दौर के बीच पायलट समर्थक नेता ने खोला मोर्चा, राजेन्द्र चौधरी बोले- पायलट के नेतृत्व में लड़ा जाए अगला चुनाव, पायलट के नेतृत्व में पार्टी वहां भी जीती जहां हर बार मिलती थी हार, लोकसभा चुनाव की हार ने बता दिया जनता पायलट को देखना चाहती थी सीएम, पार्टी भी मान चुकी सचिन पायलट हैं असैट, यूथ आईकन और विजनरी नेता

पायलट समर्थक चौधरी ने गहलोत के खिलाफ खोला मोर्चा
पायलट समर्थक चौधरी ने गहलोत के खिलाफ खोला मोर्चा

Politalks.News/Rajasthan. पंजाब कांग्रेस के बाद अब राजस्थान की सियासी कलह का क्लाइमेक्स का दौर चल रहा है. इसी बीच राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और सचिन पायलट के खास सिपहसालार माने जाने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चौधरी ने कहा है कि, ‘अशोक गहलोत मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं और सचिन को पार्टी राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाए. कभी अशोक गहलोत के बेहद खास लोगों में गिने जाने वाले राजेन्द्र चौधरी ने अब गहलोत से मुखर हो गए हैं.

इसके साथ ही सचिन पायलट को प्रदेश की कमान सौंपने की मांग तेज होने की पूरी संभावनाएं जताई जा रही है. पिछले साल भी राजस्थान में गहलोत वर्सेस पायलट खेमेबाजी देखने को मिली, जिसे कांग्रेस ने किसी तरह संभाला था. लेकिन अब एक बार फिर पायलट के समर्थन में बयानों के जहाज उड़ने लगे हैं. हालांकि एक टिप्पणीकार का कहना है कि पायलट के समर्थकों को थोड़ा और धैर्य रखना चाहिए इस बयानबाजी से कहीं बना बनाया खेल नहीं बिगड़ जाए’.

गहलोत हैं बुजुर्ग, मार्गदर्शन के रूप में करेंगे काम- चौधरी
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कांग्रेस आलाकमान से पायलट को प्रदेश की कमान सौंपने की मांग की है. राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि, ‘राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव पायलट की अगुवाई में होना चाहिए’. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि, ‘अशोक गहलोत तीन बार मुख्यमंत्री रह लिए, उन्होंने अपना काम कर लिया, वे बुजुर्ग हैं और अब उन्हें मार्गदर्शक के रूप में काम करना चाहिए, सलाह देनी चाहिए’. चौधरी ने कहा कि, ‘अशोक गहलोत खुद भी युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की बात कह चुके हैं’

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‘पायलट के नेतृत्व में पार्टी वहां भी जीती जहां हर बार मिलती थी हार

राजेंद्र चौधरी ने कहा कि, ‘गहलोत अपना काम कर चुके हैं उन्हें युवा नेतृत्व का मार्गदर्शन करना चाहिए’, राठौड़ ने कहा कि, ‘प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को उन क्षेत्रों में भी चुनाव जिताया जहां कांग्रेस चुनाव नहीं जीती थी. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया. ऐसे में वोट दे चुकी जनता के हाथ में कुछ नहीं बचा, लेकिन जब सचिन पायलट मुख्यमंत्री नहीं बने तो जनता ने लोकसभा चुनाव में दिखा दिया कि उन्होंने विधानसभा में किसे वोट दिया था’ .

लोकसभा चुनाव की हार ने बता दिया जनता पायलट को देखना चाहती थी सीएम

राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि, ‘100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीतने वाली कांग्रेस पार्टी 6 महीने के दौरान हुए लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी’. चौधरी ने कहा कि, ‘लोकसभा चुनाव में मिली हार अपने आप में बताती है कि जनता सचिन पायलट को मुख्यमंत्री देखना चाहती थी’.

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जनमानस और युवा चाहते हैं की पायलट को सौंपा जाए नेतृत्व

कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कहा कि, ‘मुझे ढाई साल में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला जिसने यह ना कहो कि अशोक जी मुख्यमंत्री रह लिए, वो बुजुर्ग हैं मार्गदर्शक के तौर पर काम करें और सलाह दें. राजस्थान का जनमानस और आम युवा चाहता है कि कांग्रेस सचिन पायलट जी को नेतृत्व सौंपे’. पिछले एक सप्ताह में दो बार हुई सचिन पायलट और राहुल गांधी की मुलाकात को लेकर राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि, ‘कल सचिन पायलट के साथ कांग्रेस नेतृत्व की बैठक दिखाती है कि वो सचिन पायलट की पोजीशन को गंभीरता से ले रहे हैं. राजस्थान की जनता जल्द से जल्द पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे देखना चाहती है और मैं भी राजस्थान की जनता में शामिल हूं’.

पार्टी मान चुकी पायलट हैं असैट, यूथ आईकन और विजनरी नेता’

पीसीसी उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कहा कि, ‘राजनीति में परिवर्तन चलता रहता है और अजय माकन-वेणुगोपाल के दौरे और विधायकों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के फीडबैक के आधार पर ही पार्टी कोई निर्णय लेगी. यही कारण है कि 7 दिन में राहुल गांधी की सचिन पायलट से दूसरी बार मुलाकात हुई है’. चौधरी ने कहा कि, ‘पार्टी अब यह मान चुकी है कि सचिन पायलट पार्टी के असेट, यूथ आईकॉन और विजनरी नेता हैं’.

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‘जो अमरिंदर को दी थी सलाह, उस पर खुद अमल करें गहलोत

राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जो सलाह दी थी कि पार्टी जब मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लेती है तो इसमें कुछ लोग नाराज हो जाते हैं, लेकिन पार्टी को निर्णय लेने पड़ते हैं और पार्टी के नेतृत्व की बात सबको माननी चाहिए. अब अमरिंदर के लिए दिया गया बयान खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी लागू होता है. अगर पार्टी कोई निर्णय लेती है तो उन्हें भी उसे मानना चाहिए’. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि, ‘राजस्थान में कोई ऐसा विधायक नहीं है जिसके समर्थन में जनसैलाब उमड़ता हो, लेकिन अगर हम सूर्य देखकर भी आंख बंद करना चाहें तो उसका कोई इलाज नहीं है’.

नवरात्र में ‘बदलाव’ के मिल रहे संकेत
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पंजाब के बाद राजस्थान में ‘सुलह’ कांग्रेस हाईकमान का फोकस है. राजस्थान की राजनीति को जानने वाले लोगों को कहना है कि सचिन पायलट को लेकर एक बार फिर उठ रही इस मांग के पीछे एक सोची समझी रणनीति है. दरअसल अभी श्राद्ध पक्ष चल रहा है और माना जा रहा है कि जैसे ही श्राद्ध पक्ष खत्म होगा, वैसे ही बदलाव होगा. लेकिन बदलाव कैसा होगा इसे लेकर संशय बना हुआ है. जैसे पंजाब में किसी को कानों कान खबर नहीं लगी हो सकता है कि राजस्थान में भी ऐसी ही सर्जिकल स्ट्राइक हो.

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