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पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी संसदीय सीट से सपा की टिकट पर उतरे पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी पर संकट मंडरा रहा है. निर्वाचन अधिकारी को दिए गए नामांकन में उनकी बीएसएफ से बर्खास्तगी की अलग-अलग जानकारी दी गई है. जिसे लेकर निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है. बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने पहले निर्दलीय फिर सपा के चुनाव चिन्ह पर नामांकन दाखिल किया था.

तेज बहादुर ने अपने एक नामांकन में बताया था कि उन्हें भ्रष्टाचार के कारण सेना से बर्खास्त किया गया था लेकिन दूसरे नामांकन में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी. जिस पर नामांकन की जांच के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए 1 मई तक जवाब देने का समय दिया है. साथ ही आयोग ने कहा है कि अगर तेज बहादुर यादव प्रमाण नहीं देते हैं तो उनका नामांकन खारिज किया जा सकता है.

वहीं निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, तेज बहादुर ने इसी 24 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था. उस समय उन्होंने अपने शपथ पत्र में बताया था कि ‘हां’ उन्हें भ्रष्टाचार के कारण नौकरी से बर्खास्त किया गया था, लेकिन 29 अप्रैल को दूसरी बार नामांकन करते समय तेज बहादुर ने इसी कॉलम में ‘नहीं’ लिखा है, जिसका अर्थ ये है कि उन्हें भ्रष्टाचार की वजह से नौकरी से नहीं निकला गया है.

सपा प्रत्याशी तेज बहादुर द्वारा निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दोनों नामांकन पत्रों पर संज्ञान लेते हुए जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर को नोटिस जारी किया है और नौकरी से निकाले जाने संबंधित प्रमाण पत्र पेश करने की मांग की है. जिसके लिए तेज बहादुर को 1 मई शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है. इससे पहले तक उन्हें जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रमाण पत्र जमा करना होगा.

गौरतलब है कि साल 2017 में बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने जवानों को मिलने वाली खाद्य सामग्री को लेकर एक वीडियो जारी किया था. जिसमें भोजन की क्वालिटी को लेकर शिकायत कर वह चर्चा में आ गए थे. हालांकि उस विवाद के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. तभी से वे केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.

बीते दिनों ही तेज बहादुर यादव ने ऐलान किया था कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने तब कहा था कि मैंने भ्रष्टाचार का मामला उठाया, लेकिन मुझे बर्खास्त कर दिया गया. मेरा पहला उद्देश्य सुरक्षा बलों को मजबूत करना और भ्रष्टाचार खत्म करना होगा. जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय के तौर पर पीएम मोदी के सामने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला कर नामांकन भरा, बाद में सपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया.

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