कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए सरकारी कार्यालयों में शटडाउन सहित कई महत्वपूर्ण निर्देश

14 महत्वपूर्ण विभागों को छोड़कर बाकी सरकारी कार्यालयों में रहेगा शट डाउन, मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे कार्मिक, स्पा, क्लब, बार रहेंगे बंद, होम आइसोलेशन की पालना नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई, धारा 144 की प्रभावी पालना होगी सुनिश्चित

Img 20200320 013939
Img 20200320 013939

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य के प्रति राजस्थान सरकार बेहद सजग और चौकस है. निरोगी राजस्थान का संकल्प लिए संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले कुछ दिनों से कोरोना के रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयासों की पल-पल की अपडेट खुद स्वास्थ्य महकमे से ले रहे हैं. कोरोना वायरस से लोगों की जीवन रक्षा के लिए कुछ आवश्यक सेवाओं से संबंधित विभागों को छोड़कर प्रदेश के अन्य सभी सरकारी विभागों में शटडाउन के निर्देश गुरूवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सीएमओ में हुई बैठक में दिए गए हैं. इसके साथ ही सभी स्कूलों एवं कॉलेज विद्यार्थियों की समस्त परीक्षाओं को आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गई हैं. मुख्यमंत्री गहलोत का कहना है कि इस महामारी से बचाव के लिए इटली से सबक लेते हुए सभी माकूल इंतजाम तत्परता के साथ सुनिश्चित किए जाएं. इस वायरस के फैलाव के लिए अगले दो सप्ताह विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, ऐसे में अतिमहत्वपूर्ण निर्णय गुरुवार को हुई बैठक में लिए गए हैं.

14 महत्वपूर्ण विभागों को छोड़कर बाकी सरकारी कार्यालयों में रहेगा शट डाउन

मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आयुर्वेद विभाग, ऊर्जा विभाग, विधुत निगम, जलदाय विभाग, स्वायत्त शासन, नगरीय निकाय, गृह एवं पुलिस, कारागार, गृह रक्षा एवं एफएसएल, वित्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, आपदा प्रबंधन एवं सहायता, पंचायतीराज, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कार्मिक (आवश्यक शाखाएं), परिवहन मय रोडवेज एवं अन्य शहरी बस निगम, जयपुर मेट्रो, सामान्य प्रशासन, स्टेट मोटर गैराज, विधि विभाग और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में शट डाउन नहीं रहेगा. इन विभागों के अलावा सभी विभागों में 50 प्रतिशत कर्मचारी कार्यालयों में उपस्थिति देंगे तथा 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से ही काम करेंगे.

यह भी पढ़ें: झुंझुनूं में 3 कोरोना पॉजिटिव आए सामने, मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश में 31 मार्च तक धारा 144 के दिए आदेश

मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे कार्मिक

मंत्री रघु शर्मा ने स्पष्ट किया कि शट डाउन का मतलब अवकाश नहीं है. कर्मचारियों को आवश्यकता होने पर कार्यालय में उपस्थित होना होगा. कर्मचारियों को चिकित्सा कारणों एवं पारिवारिक आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर किसी प्रकार के अवकाश एवं मुख्यालय छोड़ने की अनुमति इस अवधि के दौरान नहीं होगी. सचिवालय में उप सचिव एवं संयुक्त सचिव स्तर तथा इससे उच्च स्तर के अधिकारियों पर, विभागाध्यक्षों के कार्यालयों में उप निदेशक, अधिशासी अभियंता स्तर एवं इससे उच्च स्तर के अधिकारियों पर शट डाउन लागू नहीं होगा. जिला स्तर पर जिला कलेक्टर कार्यालय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों पर भी यह लागू नहीं होगा. जिला स्तरीय अधिकारी अपने कार्यालय में रोटेशन के आधार पर न्यूनतम कर्मियों की उपस्थिति तय करेंगे, जो कि 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी.

स्पा, क्लब, बार रहेंगे बंद

रघु शर्मा ने आगे बताया कि आगामी आदेश तक प्रदेश में सभी स्पा, क्लब, बार और नाइट क्लब को प्रतिबंधित किया गया है. इसक साथ ही मंत्री शर्मा ने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे सभी निजी फैक्ट्रियों को कार्यस्थल पर स्वच्छता एवं कोरोना से बचाव के आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के लिए पाबंद करें. इसके साथ ही उन्हें यह एडवाइजरी भी जारी की जाए कि फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा तथा सवैतनिक अवकाश दिया जाए. इसके साथ ही मनरेगा श्रमिकों को 31 मार्च तक कार्यस्थल पर आने से रोकने का फैसला लिया गया है. इस अवधि के मनरेगा श्रमिकों को नियमानुसार मानदेय का भुगतान किया जाएगा.

होम आइसोलेशन की पालना नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई

बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि इस बीमारी से बचाव के लिए लोग घर पर ही रहें. जिन व्यक्तियों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं, अगर वो होम आइसोलेशन के निर्देशों की पालना नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 में कार्रवाई की जायेगी. प्रदेश में करीब 1100 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, जिनमें से 265 जयपुर में हैं.

धारा 144 की प्रभावी पालना होगी सुनिश्चित

रघु शर्मा ने आगे बताया कि सरकार ने भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए धारा 144 लागू की है. जनहित में इसकी प्रभावी पालना सुनिश्चित की जायेगी. वहीं आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जारी निर्देशों की पूरी तरह पालना करें ताकि उनका जीवन सुरक्षित रह सके. इसके साथ ही मंत्री शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए उठाए जा रहे कदमों की देशभर में सराहना की जा रही है. प्रदेश के आमजन भी एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करेगा तो हम इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें: नीरज डांगी को उतार कर राजनीति के जादूगर ने दिया बड़ा पॉलिटिकल मैसेज, पायलट ने भी दिखाई राजनीतिक परिपक्वता

स्कूल, कॉलेजों की परीक्षाए हुई स्थगित

रघु शर्मा ने आगे बताया कि सरकार ने प्रदेश के सभी कॉलेजों, स्कूलों की सभी बोर्ड परीक्षाए अगले आदेश तक स्थगित की गई है. प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्टलों को खाली करवाने के लिए कहा गया है. प्रदेश के सभी सार्वजनिक पार्को में भी धारा 144 के चलते लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी धार्मिक स्थानों को कहा गया है कि श्रद्धालु मंदिर में नहीं जाए, मंदिर के महंत पूजा अर्चना मंदिर के अंदर अंदर ही कर लें.

मुख्यमंत्री कार्यलय में हुई इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री सुभाष गर्ग, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी, शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, शासन सचिव शिक्षा मंजू राजपाल, शासन सचिव उच्च शिक्षा शुचि शर्मा, शासन सचिव श्रम नीरज के पवन, आयुक्त सूचना एवं जनसम्पर्क महेन्द्र सोनी, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसमएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

Leave a Reply