Politalks.News/Rajasthan. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आज फिर बीजेपी को जमकर घेरा. पीसीसी में राजीव शुक्ला की प्रेस वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत में डोटासरा ने बीजेपी और उनके नेताओं की गुटबाजी पर जमकर निशाना साधा. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजभवन और आरएसएस पर फिर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, ‘सत्ता का दुरुपयोग देखना है तो राजस्थान के राजभवन को देखिये, जहां किसानों के हित वाले तीन कृषि कानून साल भर से अटके हैं’. उन्होंने निंबाराम पर भी जुबानी हमला करते हुए कहा कि वे नहीं थे तो कोर्ट क्यों गए हैं. डोटासरा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा. वहीं पूनियां के टोटासरा कहे जाने पर पीसीसी चीफ ने कहा कि, ‘उनको भी नहीं पता की ढाई साल बाद वो कहां होंगे?’
खिसीयानी बिल्ली खंभा नोचे- डोटासरा
पंचायत चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग के बीजेपी के आरोप पर डोटासरा ने कहा कि, ‘खिसीयानी बिल्ली खंभा नोचे, इनको हार सामने नजर आ रही है, ये इनकी बौखलाहट है. इनकी बात में दम नहीं है, सत्ता का दुरुपयोग मोदी सरकार करती है, सत्ता का दुरुपयोग हमने धौलपुर उपचुनाव में देखा था. उत्तरप्रदेश में किस तरह धमकाया जाता है, पर्चा खारिज किए जाते हैं’. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए डोटासरा ने कहा कि, ‘सत्ता का दुरुपयोग देख तो रहे हैं हम देश का अन्नदाता 9 महीने से धरने पर बैठा है मोदी सरकार उसकी सुन नहीं रही है’
‘राज्यपाल के पास पड़े हैं किसानों की भलाई के तीन कानून’
सत्ता के दुरुपयोग के आरोप पर पलटवार करते हुए डोटासरा ने राजभवन को कटघरे में खड़ा किया और बोले कि, ‘राजस्थान सरकार ने किसानों के हित के तीन कानून पास किए थे. वो तीनों कानून राज्यपाल के पास ही पड़े हैं आगे नहीं गए हैं. ऐसे बीजेपी के द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के 20 और उदाहरण में दे सकता हूं’
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दलबदल कानून पर बोले- ‘जब बीजेपी की सरकार थी क्यों नहीं आई याद’
बीजेपी द्वारा पंचायत चुनाव को भी दलबदल कानून के अंतर्गत लाने की मांग पर तंज कसते हुए डोटासरा ने कहा कि, ‘जब बीजेपी की सरकार आई थी तो क्यों याद नहीं आई, आपके समय में तो केन्द्र और राज्य में आपकी पार्टी की सरकार, तब बीजेपी ने क्यों नहीं की पहल’, डोटासरा ने कहा कि, ‘विधान परिषद का मुद्दा बीजेपी कितने सालों से लेकर बैठी थी. हमरा सरकार ने विधानपरिषद का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास करवा कर भेजा है लेकिन क्या हुआ?. डोटासरा ने कहा कि, ‘बीजेपी की कथनी और करनी में यही अंतर है’.
‘बीजेपी ना जनता की सुनती ना विपक्ष की’
बीजेपी पर निशाना साधते हुए डोटासरा ने कहा कि, ‘बीजेपी ना तो जनता की सुनती है और ना ही विपक्ष की सुनती है. दुर्भाग्य तो यह है कि ये तो अपनी पार्टी के नेताओं की भी नहीं सुनते हैं. राजनाथ सिंह और गडकरी जी कुछ बोलते हैं क्या? पहते तो खुब बोलते थे दोनों ही नेता?.
बीजेपी की कलह पर डोटासरा ने जमकर कसे तंज
प्रदेश बीजेपी की कलह और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों पर तंज कसते हुए डोटासरा ने कहा कि, ‘बीजेपी में पहले 8 सीएम पद के उम्मीदवार थे. अब 9 वें केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव भी मैदान में आ गए हैं’. डोटासरा ने कहा कि, लेकिन इन ग्रुपों में दम नहीं, कई तो एक-एक व्यक्ति के ग्रुप है’, बीजेपी पर निशाना साधते हुए डोटासरा ने कहा कि, ‘प्रजातंत्र में पूर्व मुख्यमंत्री को दरकिनार नहीं किया जाता है, उसके पोस्टर नहीं फाड़े जाते हैं’. कुछ दिन पर वसुंधरा राजे को बड़ा चेहरा बताने वाले डोटासरा ने आज कहा कि, ‘जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी तब ही उनकी नहीं चलती थी. अब तो उनकी कौन सुनेगा?’.
‘राजस्थान में अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही बीजेपी’
उपनेताप प्रतिपक्ष कटारिया पर निशाना साधते हुए डोटासरा ने कहा कि, ‘नेता प्रतिपक्ष की भाषा ऐसी नहीं होती है’, भिंडर और राजे मुलाकात के बाद कटारिया के बयान पर डोटासरा ने कहा कि, ‘कटारिया जी का हाल तो हाल ऐसा है कि वो कह रहे हैं कि पहले मुझे निकालो फिर किसी को पार्टी में शामिल करो’, डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि, ‘ये राजस्थान की भाजपा में क्या हो रहा है. यहां बीजेपी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही है’. डोटासरा ने कहा कि, ‘हमारा मानना है कि लोकतंत्र में विपक्ष मजबूत होना चाहिए. उधर मोदी सरकार तो विपक्ष की सुनती नहीं, राजस्थान में तो प्रतिपक्ष खड़ा ही नहीं हो पा रहा है. ये लोग आपसी झगड़े में उलझे हैं’. डोटासरा ने कहा कि, ‘भाजपा राजस्थान में जनता के मुद्दे उठाने में नाकाम रही है’.
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‘ढाई साल आगे की बात कर रहे हैं वो कहां होंगे उन्हें नहीं पता’
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के द्वारा टोटासरा कहे जाने पर पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि, ‘पूनियां जी ढाई साल आगे की बात कर रहे हैं उनका पता ही नहीं चलेगा कि वो किस स्थिति में मिलेंगे. आपको बता दें कि हालही में सतीश पूनियां ने कहा था कि, ‘विधानसभा चुनाव में जब सीटों का टोटा हो जाएगा तो ये डोटासरा से टोटासरा हो जाएंगे’.
‘निंबाराम पर हम सही हुए साबित निर्दोष थे तो क्यों गए कोर्ट की शरण में’
बीवीजी और निगम की डील में 20 करोड़ के कमीशन के मामले में निंबाराम को खेलते हुए कहा कि, ‘निंबाराम पर हमारी बात प्रमाणित हो गई की है. अगर ऐसा नहीं होता तो वो कोर्ट नहीं जाते. अगर FR की तरफ FIR जाती दिखती तो वो कोर्ट का रुख नहीं करते. इससे साबित होता है कि निंबाराम दोषी हैं और अगर दोषी है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए’. डोटासरा ने कहा कि, ‘अब कोर्ट में हो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.