Politalks.News/Delhi/Farmers Protest. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़े शब्दों में बीजेपी को कहा है कि इस देश के किसानों को एंटी-नेशनल कहने की हिम्मत मत करना. इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने कल किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखने का एलान करते हुए अन्य लोगों से भी उपवास रखने की अपील की है. केजरीवाल ने कहा कि सब लोग अपने घर मे एक दिन का उपवास रखें और किसानों की मांग का समर्थन करें.
किसानों के लिए देश विरोधी जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर जबरदस्त नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश के कई खिलाड़ियों ने किसानों का समर्थन किया है, तो क्या वे एंटी नेशनल हैं? क्या देश के वकील, व्यापारी एंटी नेशनल हैं? अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान कांग्रेस की सरकार बदनाम करती थी, ठीक उसी तरह किसान आंदोलन को बीजेपी बदनाम कर रही है.
रविवार को एक डिजिटल कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि यहां पर बहुत से पूर्व सैनिक बैठे हुए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई थी. क्या यह सभी लोग एंटी-नेशनल हैं? ऐसे कितने ही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए नाम कमाया और मेडल जीतकर लाए, वो किसानों के साथ बैठे हैं, अपने-अपने घरों में बैठकर दुआएं भेज रहे हैं क्या यह सभी एंटी-नेशनल हैं? कितने ही सिंगर और सेलिब्रिटी हैं जो किसानों के बच्चे हैं और किसानों के परिवार से आते हैं. यह सब लोग समर्थन कर रहे हैं, क्या यह सब लोग एंटी-नेशनल हैं?
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इस दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि जब हम अन्ना आंदोलन कर रहे थे तब रामलीला मैदान में आंदोलन हो रहा था तो हमारे खिलाफ भी ऐसे ही साजिश की जा रही थी. कांग्रेस की तरह आज बीजेपी भी किसानों के आंदोलन को बदनाम करने कोशिश कर रही है. कड़े शब्दों में सीएम ने कहा कि इस देश के किसानों को एंटी-नेशनल कहने की हिम्मत मत करना.
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पहले अनाज के स्टोरेज की लिमिट होती थी, जमाखोरी होने पर उस पर कार्रवाई होती थी. जमाखोरी करना जुर्म होता था क्योंकि इसकी वजह से किल्लत होती थी. अब सरकार जो कानून लाई है उसमें जमाखोरी करना जुर्म नहीं है और कितनी भी जमाखोरी की जा सकती है. ऐसे में जिनके पास पैसा है वह लोग बहुत सारा अनाज स्टोर करके अपने पास रख लेंगे और महंगाई बहुत बढ़ जाएगी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोई यह गलतफहमी में ना रहे की इस कानून के विरोध में केवल कुछ किसान हैं, जो धरने पर बैठे हुए हैं बल्कि देश का एक-एक आदमी इन कानूनों को समझ रहा है. मेरी केंद्र सरकार के साथ गुजारिश है कि इन तीनों बिलों को रद्द किया जाए और एमएसपी पर किसानों की फसल खरीदने का बिल बनाया जाए.