Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (UttarPradesh Assembly Election) में इन दिनों सबसे ज्यादा अगर कोई मुद्दा गरम है तो वो है ‘मथुरा'(Mathura). चुनाव हो और मथुरा, काशी (Kashi) और अयोध्या (Ayodhya) का जिक्र ना हो तो कुछ अधूरा-अधूरा सा लगता है. बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेता आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसी रणनीति के तहत काम कर रहे हैं. लेकिन क्या चुनाव में असल मुद्दों की जगह धार्मिक मुद्दों को उठाना क्या सही है, ये बड़ा सवाल है. किसान आंदोलन में ख्याति प्राप्त कर चुके राकेश टिकैत भी अब इन्हीं मुद्दों को उठा रहे हैं. उत्तरप्रदेश की जनता से अपील करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि, ‘आखिर कब तक ये राजनीतिक दल लोगों को भड़काने का काम करेंगे. मैं प्रदेश की जनता से ये अपील करता हूँ कि लोग साम्प्रदायिक शक्तियों के बहकावें में बिलकुल नहीं आएं.’
मथुरा में किसान आंदोलन के समर्थन में धरना दे रहे समता फाउंडेशन के आंदोलन को ख़त्म करवाने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बात के दौरान प्रदेश की जनता से विकास के नाम पर वोट देने की अपील की. किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि, ‘लोगों को सांप्रदायिक शक्तियों के बहकावे में नहीं आना चाहिए. मैं प्रदेश की जनता से ये अपील करना चाहती हूं कि वो मथुरा को मुजफ्फरनगर न बनने दें.’
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘कुछ राजनीतिक दल मतदाताओं के ध्रुवीकरण का प्रयास कर रहे हैं. इस तरह वो मथुरा की शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं.आज विभिन्न धर्मों के लोग मथुरा में शांतिपूर्वक प्रार्थना कर सकते हैं. लेकिन कुछ लोग अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा कर दंगे कराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन आपको उनके झांसे में नहीं आना है.’ राकेश टिकैत का यह बयान उस समय आया जब बीजेपी के कई दिग्गज नेता मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर की मांग कर रहे हैं.
राकेश टिकैत ने जनता के सामने मुजफ्फरनगर का जिक्र इसलिए भी किया क्योंकि, साल 2013 में हुए मुज्जफरनगर दंगों में करीब 60 लोगों की मौत हो गई थी. इन दंगों के बाद हजारों लोग बेघर हो गए थे और बहुत से लोगों को पलायन करना पड़ा था. पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘लोग विकास के नाम पर वोट डालते हैं विवाद के नाम पर नहीं. लेकिन ये राजनीतिक दल समझते ही नहीं. मेरा ये मानना है कि सरकार को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. यमुना की सफाई जैसे बुनियादी कामों पर उसका ध्यान होना चाहिए. कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए. लेकिन ये तो जनता को बेवकूफ समझते हैं.’
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आपको बता दें कि आगामी चुनाव की आहट के साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने मथुरा का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया था. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा का नाम लिए बिना है कहा था कि, ‘पहले की सरकारों में कारसेवकों पर गोलियां चलाई जाती थी लेकिन अब जब कारसेवा होगी तो उनपर पुष्पवर्षा की जाएगी.’ वहीं सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, ‘अयोध्या और काशी में भव्य मंदिरों का निर्माण कार्य जारी है, अब मथुरा की तैयारी है.’