पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जहां एक तरफ प्रवासियों की घर वापसी का दौर अपने चरम पर है वहीं इस कारण से ही प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है. वहीं इन दिनों ऐसे भी कुछ मामले सामने आए हैं जब बाहर से आए लोगों ने कोरोना से भयभीत होकर लक्षणों को छुपाया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेशवासी कोविड-19 को लेकर डरने के बजाय तुरंत अस्पताल पहुंचकर अपनी जांच कराएं और उपचार लें. कोरोना सहित किसी भी बीमारी को छुपाने की कोशिश नहीं करें. इससे बीमारी के गंभीर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
प्रदेशवासी कोविड-19 को लेकर डरने के बजाय तुरंत अस्पताल पहुंचकर अपनी जांच कराएं और उपचार लें। कोरोना सहित किसी भी बीमारी को छुपाने की कोशिश नहीं करें। इससे बीमारी के गंभीर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। राज्य सरकार ने सभी तरह की बीमारियों के उपचार के लिए उचित प्रबंध कर रखा है। pic.twitter.com/wqNrEm8MUU
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 16, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के संक्रमण, जांच एवं इलाज, क्वारेंटीन सुविधाओं तथा गैर-कोविड रोगों के लिए चिकित्सकीय सुविधाओं की स्थिति के बारे में उच्चाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हमें लगातार सतर्क एवं सजग रहने की जरूरत है. विशेषकर प्रदेश में आ रहे श्रमिकों की प्रभावी स्क्रीनिंग, जांच एवं क्वारेंटीन को मजबूत किया जाना जरूरी है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सैम्पलिंग बढ़ाई जाए.
हमारा माइक्रो मैनेजमेंट ऐसा हो कि प्रदेश में इलाज के अभाव में कोई जान नहीं जाए।
निवास पर कोरोना के संक्रमण, जांच एवं इलाज, क्वारेंटीन सुविधाओं तथा गैर-कोविड रोगों के लिए चिकित्सकीय सुविधाओं की स्थिति के बारे में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
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समय पर इलाज कराते तो नहीं जाती बच्चे की जान
मुख्यमंत्री गहलोत ने डूंगरपुर का एक उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कोरोना के डर के कारण समय पर उपचार नहीं कराया गया. इसके चलते एक 4 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. सीएम गहलोत ने बताया कि बच्चे के निकटतम परिजन ने मुख्यमंत्री निवास पर फोन कर बीमारी की जानकारी दी तो तत्काल एम्बुलेंस भिजवाई गई, लेकिन एम्बुलेंस से अस्पताल जाते समय रास्ते में ही बच्ची ने दम तोड़ दिया. ऐसी स्थिति बेहद दुखद है. अगर परिजन समय पर बच्ची को अस्पताल ले जाते या प्रशासन को सूचना देते तो उसे बचाया जा सकता था.
डूंगरपुर में कोरोना के डर के कारण समय पर उपचार नहीं कराया गया। इसके चलते एक 4 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के निकटतम परिजन ने सीएमआर पर फोन कर बीमारी की जानकारी दी तो तत्काल एम्बुलेंस भिजवाई गई, लेकिन एम्बुलेंस से अस्पताल जाते समय रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।
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अब तक कोरोना से हुई मौतों का कराएं गहन विश्लेषण
प्रदेश में कोरोना से अब तक हुई मौतों को लेकर सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि राजस्थान में अब तक कोरोना से हुई मौतों का विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जाए. इन मौतों का गहन अध्ययन करने के लिए मृतकों के परिजनों से मिलकर रोगियों की पूरी केस हिस्ट्री, देरी से अस्पताल पहुंचने के कारणों, अन्य पुरानी बीमारियों की स्थिति की जानकारी लेकर उसका तार्किक विश्लेषण किया जाए. तभी हम कोरोना की लड़ाई के लिए चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार और लोगों को जागरूक करने की बेहतर रणनीति तैयार कर सकेंगे.
निर्देश दिए कि राजस्थान में अब तक कोरोना से हुई 125 मौतों का विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जाए। इन मौतों का गहन अध्ययन करने के लिए मृतकों के परिजनों से मिलकर रोगियों की पूरी केस हिस्ट्री, देरी से अस्पताल पहुंचने के कारणों,
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जेलों में भी मेडिकल प्रोटोकॉल की हो पूरी पालना
राजधानी जयपुर की जेल में शनिवार को एक साथ सामने आए 119 कैदियों के संक्रमित होने को मुख्यमंत्री गहलोत ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि इन मरीजों को उचित चिकित्सा उपलब्ध करवाने के साथ ही कोरोना के तय मेडिकल प्रोटोकॉल की जेलों में भी पूरी पालना सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश की दूसरी जेलों में भी आवश्यकता अनुसार कैदियों की कोरोना जांच करवाई जाए.
जयपुर जेल में एक साथ बड़ी संख्या में कैदियों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामले गंभीर है, इनको उचित चिकित्सा उपलब्ध करवाने के साथ ही कोरोना के तय मेडिकल प्रोटोकॉल की जेलों में भी पूरी पालना सुनिश्चित की जाए। प्रदेश की दूसरी जेलों में भी आवश्यकतानुसार कैदियों की कोरोना जांच करवाई जाए
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आमजन को कोरोना के साथ जीने के लिए तैयार करें
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों का प्रतिशत कम है. हमने अपनी टेस्ट क्षमता काफी बढ़ा ली है. अब तक गिने-चुने मरीजों को प्रदेश में वेंटीलेटर की आवश्यकता पड़ी है. यह एक अच्छा संकेत है, लेकिन आगे कोरोना किस रूप में सामने आए, इसे लेकर हमें सजग रहने की जरूरत है. सीएम गहलोत ने चिकित्सा विशेषज्ञों से कहा कि वे ऐसी नियमावली बनाएं, जिसका पालन कर आमजन खुद को कोरोना के साथ जीने के लिए तैयार कर सके. जिससे आमजन जागरूक हो सकें और उसे दिनचर्या का हिस्सा बना पाएं.
प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों का प्रतिशत कम है। हमने अपनी टेस्ट क्षमता काफी बढ़ा ली है। अब गिने-चुने मामलों में वेंटीलेटर की आवश्यकता पड़ी है। ये सब अच्छे संकेत हैं, लेकिन आगे कोरोना किस रूप में सामने आए, इसे लेकर हमें सजग रहने की जरूरत है।
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