राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं, जो होता है वो दिखता नहीं है, यह कहावत राजस्थान की राजनीति में बैठ रही है
बिलकुल सटीक, राजस्थान में इस साल के अंत में होने है विधानसभा चुनाव, लेकिन राजस्थान में चुनाव से ज्यादा चर्चा अगर किसी की हो रहे तो वो है सचिन पायलट के सियासी भविष्य की, दरअसल कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट का सियासी विवाद नहीं है किसी से छिपा, गत सोमवार गहलोत-पायलट विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने दोनों ही नेताओं से मुलाकात कर ली थी महत्वपूर्ण बैठक, लेकिन कहा जा रहा है की दोनों की बीच नहीं हो पाई है कोई सुलह, इसी बीच सोशल मीडिया पर चल रही है एक रौचक चर्चा, कहा जा रहा है की सचिन पायलट बना सकते है अपनी नई पार्टी, आगामी 11 जून को पायलट नई पार्टी का कर सकते है एलान, वहीं एक चर्चा यह भी है कि सचिन पायलट चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की आईपैक की ले रहे हैं सेवाएं, दरअसल कुछ दिन पहले ‘न्यूजलॉन्ड्री’ की रिपोर्ट में किया गया है दावा कि सचिन पायलट ने अपने इरादे कर लिए हैं स्पष्ट, आईपैक के एक वरिष्ठ सूत्र ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि पायलट ने कुछ समय पहले ली थीं उनकी सेवाएं और पायलट दो से तीन सप्ताह में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी करेंगे लॉन्च, सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट के इरादे अब हैं स्पष्ट, उन्होंने फैसला कर लिया है कि वह अपने नए प्रयास को बढ़ाएंगे आगे और सफल होने तक नहीं रुकेंगे, न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट में कहा गया कि इसके लिए 100 से ज्यादा आईपैक के कर्मचारी की टीम कर रही है काम, इसके साथ ही उन्हें 1100 और लोगों के नियुक्ति के लिए भी दिया गया है निर्देश, उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर सचिन पायलट नई पार्टी शुरू नहीं कर रहे होते तो उनकी कंपनी इतने सारे लोगों की भर्ती नहीं कर रही होती, खैर अब क्या कुछ नया होगा राजस्थान की राजनीति में ये तो जल्द ही अब पता चल जाएगा, अगर पायलट बनाते है नई पार्टी तो आगामी विधानसभा चुनाव होगा बेहद रौचक