मध्यप्रदेश की हॉट सीट भोपाल में बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह अपने आपको हिंदुत्व का प्रतीक बताते हुए स्थानीय जनता के सामने पेश कर रही है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के सामने मुकाबला काफी कड़ा हो गया था. अब कांग्रेस के प्रत्याशी ने हिंदू कार्ड पर अपना हठयोग दांव खेला है.  यह हठयोग साधु की लंबी फौज है जो दिग्गी के समर्थन में उतर आई है. अब साध्वी के सामने साधु भी उतर आए हैं और दिग्विजय का समर्थन कर धूनी रमाकर बैठ गए हैं. अब यह लड़ाई प्रज्ञा ठाकुर बनाम दिग्विजय न रहकर साध्वी बनाम साधु हो गई है. भोपाल में छठे चरण में 12 मई को चुनाव होने हैं.

यह काफी रोचक दृश्य रहा जब साधु-संतों की टोली दिग्विजय सिंह के लिए धूनी रमा रहे थे. यहां द‍िग्विजय स‍िंह ने अपनी पत्नी के साथ हवन क‍िया. संतों के इस समागम में करीब 600 साधु आए ज‍िन्हें कम्प्यूटर बाबा लीड कर रहे हैं. बुधवार को दिग्व‍िजय के समर्थन में कम्प्यूटर बाबा रोड शो भी न‍िकालेंगे.

दिग्गी के चुनाव प्रचार में जुटे कंप्यूटर बाबा उर्फ नामदेव त्यागी का कहना है, ‘कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ही नर्मदा के असली भक्त हैं. हम उनके साथ हैं जिन्होंने नर्मदा परिक्रमा की है न कि उनके साथ जिन्होंने जेल यात्रा की है.’ उन्होंने जानकारी दी कि सात हजार से ज्यादा देशभर से आए साधु भोपाल में डेरा जमाए हुए हैं और सभी हठयोग भी कर रहे हैं. सभी साधु 13 अखाड़ों से जुड़े हुए हैं और दिग्विजय सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूजा पाठ कर रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि यह हठयोग क्या है तो उन्होंने जवाब दिया कि हठयोग साधुओं की कड़ी तपस्या का एक फल है जो इच्छापूर्ति के लिए किया जाता है. हठयोग में साधु संत कड़ी गर्मी में अपने चारों ओर गोबर के कंडों में आग जलाकर अपने चारों ओर घेरा बना लेते हैं और फिर विभिन्न ​मुद्राओं में तप करते हैं.

यह खबर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लिए बिलकुल भी अच्छी नहीं होगी. हालांकि प्रज्ञा ठाकुर ने साधुओं के इस कर्मकांड को भगवा के वेश में ढोंगी करार दिया है. बता दें, साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी हैं और कई साल तक जेल में रहीं है. इसके बाद भी बीजेपी का झंड़ा थामे साध्वी केवल और केवल हिंदूत्व के नाम पर वोट मांग रही है. अब दिग्विजय सिंह को भी साधुओं का साथ मिल गया है तो हिंदूत्व का उनका पलड़ा भी अब बराबरी पर आ टिका है. अब दोनों ओर से साधु-साध्वी या मठों से जुड़े लोग लोगों से वोट अपील करते हुए नजर आएंगे तो टक्कर बराबरी की होना लाज़मी है.

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