Politalks.News/Rajasthan. अलवर दौरे के दौरान जैन समाज के एक कार्यक्रम में ब्राह्मणों पर दिए बयान पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने माफी मांग ली है. चौतरफा विरोध बढ़ता देख धारीवाल बैकफुट पर आ गए. धारीवाल से सोमवार को विप्र महासभा के पदाधिकारियों ने मुलाकात की. इस दौरान बड़े बोल बोलने वाले धारीवाल ने ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों को स्पष्ट किया कि उनकी कोटा के एक मित्र से बात हो रही थी. धारीवाल ने बताया कि ‘इस वीडियो को उनके विरोधियों ने गलत तरीके से पेश किया है’. धारीवाल ने अपना पक्ष रखते हुए ये भी कहा कि, ‘उनके बयान को विरोधियों ने जोड़-तोड़ कर प्रचारित किया, जिसकी वो भर्त्सना करते हैं. यदि किसी को आहत पहुंची है तो उसके लिए
क्षमा प्रार्थी हैं’. माफी मांगने के बाद विप्र महासभा के पदाधिकारियों का बयान आया की अब इस मामले को यहीं खत्म मान लिया जाता है. लेकिन सियासी गलियारों में अब यही चर्चा है कि धारीवाल ने माफी मांगने में दो दिन क्यों लगा दिए और क्या धारीवाल को कोई झिड़की तो नहीं पड़ी है?.
‘मैं क्षमाप्रार्थी हूं, ब्राह्मण समाज मार्गदर्शन दिखाने वाला’- धारीवाल
यूडीएच मंत्री धारीवाल ने माफी मांगते हुए कहा कि, ‘वे हमेशा से ही ब्राह्मण समाज का आदर करते आये हैं. वे ब्राह्मण समाज को मार्गदर्शन दिखाने वाला समाज मानते हूं. ऐसे में उनके द्वारा दिए गये किसी बयान से समाज को तकलीफ हुई हो तो वे माफी मांगते हैं’. बकौल धारीवाल उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था.
‘बयान को बुरा इतिहास मान भुला देना चाहिए’- तिवाड़ी
शांति धारीवाल के इस माफी वाले बयान के बाद विप्र महासभा के सुनील तिवाड़ी ने कहा कि, ‘धारीवाल हमेशा से समाज के साथ रहे हैं. आगे भी साथ रहेंगे. वहीं उनके बयान को बुरा इतिहास मानकर भुला दिया जाए और विवाद को यहीं समाप्त माना जाए’.
यह भी पढ़ें- नेहरू की नजरअंदाजी पर बिफरे गहलोत- देश के गद्दारों को आजादी का सेनानी बताना वीरों का अपमान
क्या थे धारीवाल के ब्राह्मणों पर बडे बोल
28 अगस्त को यूडीएच मंत्री धारीवाल ने अलवर में आयोजित जैन समाज के एक कार्यक्रम में टिप्पणी करते हुए कहा था कि, ‘क्या बुद्धि का ठेका ब्राह्मणों ने ही ले रखा है? मैं ब्राह्मणों से पूछता हूं कि क्या यार तुमने अगर बुद्धि का ठेका ले रखा है. मेरे यहां कोटा के कोचिंग इंस्टिट्यूट हैं. वो देशभर में प्रसिद्ध हैं. उनका जो रिजल्ट आता है उनमें 100 में से 70 स्टूडेंट बनिया वर्ग से आते हैं. तुम लोग कैसे पीछे रह जाते हो?.शांति धारीवाल के इस बयान के बाद ब्राह्मण संगठनों ने धारीवाल का जमकर विरोध किया.
यह भी पढ़ें- ‘धारीवाल जी की चुनौती करो स्वीकार, बाहुबली नहीं बुद्धिमान बनो, बच्चों को बनाओ काबिल’- जोशी
सचेतक जोशी ने चेताते हुए कहा- ‘चुनौती लें समाज के बच्चों को गलत दिशा नहीं दें’
इधर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने धारीवाल के बयान पर प्रदर्शन कर रहे ब्राह्मण संगठनों को नसीहत दे डाली. पीसीसी में मीडिया से बातचीत में जोशी ने कहा कि, ‘बाहुबली ब्राह्मण नहीं होता है. ब्राह्मण बाहुबली नहीं बुद्धिमान समाज है, बुद्धिमान कभी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं करते. चाणक्य ने कभी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं किया’. जोशी ने कहा कि, ‘ऐसे में ब्राह्मण संगठन इसे विरोध की जगह चुनौती के रूप में लें. हर ब्राह्मण संगठन यह चुनौती ले कि हम 10 बच्चे कैसे तैयार करें जो आईएएस, आरएएस बनें’. ब्राह्मण संगठनों को नसीहत देते हुए जोशी ने कहा कि, ‘वह अनावश्यक रूप से विरोध प्रदर्शन करके ब्राह्मण बच्चों को गलत दिशा नहीं दें’.