राजस्थान विधानसभा में बुधवार को मंत्री शान्ति धारीवाल के एक बोल पर जोरदार हंगामा हो गया. जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को सदन की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा.

स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के एक बोल पर बुधवार को विधानसभा में दोनों पक्षो के बीच जोरदार हंगामा हो गया. दरअसल मंत्री शान्ति धारीवाल ने नगर आयोजना व प्रादेशिक विकास की अनुदान मांगों पर जवाब देते हुए कहा कि सफाईकर्मियों के लिए पूर्ववर्त्ती सरकारों ने कुछ नहीं किया. कुछ पुस्तकों में सफाईकर्मियों के किये पीड़ादायक शब्दों का प्रयोग किया गया है. मंत्री धारीवाल ने एक पुस्तक का हवाला देते हुए सदन में कहा कि एक पुस्तक के लेखक ने लिखा है कि वाल्मीकि समाज जो काम करता है उसको वाल्मीकि समाज अच्छा मानता है और ऐसा काम करने से उनको आध्यात्म की प्राप्ति होती है. इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ द्वारा इस पर आपत्ति की तो मंत्री धारीवाल ने कहा कि इसके लेखक की निन्दा करनी चाहिए.

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने लेखक का नाम पूछा, फिर मंत्री धारीवाल ने विधायकों से पूछा कि आप इसके लेखक की निंदा करेंगे या तारीफ. इस पर विधायक बोले निन्दा करेंगे. तब धारीवाल ने जवाब दिया कि यह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिखा है. मंत्री शान्ति धारीवाल द्वारा इतना कहते ही विपक्ष सदन में खड़ा हो गया और मंत्री धारीवाल से अपनी बात को टेबल करने की मांग की. विपक्ष के सभी विधायकों ने नरेन्द्र मोदी का नाम लिए जाने पर गहरी आपत्ति जताते हुए जोरदार हंगामा किया. विपक्ष ने शान्ति धारीवाल से पुस्तक का नाम दिखाने को कहा. साथ ही विपक्ष के कुछ नेताओं ने मंत्री धारीवाल से इस्तीफा देने की मांग भी की.

हंगामा बढ़ता देख स्पीकर सी. पी. जोशी को सदन की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा. अध्यक्ष द्वारा सदन स्थगित किये जाने के बाद भी विपक्ष के विधायकों का विरोध खत्म नहीं हुआ. विपक्ष के विधायकों ने वैल में धरने पर बैठकर नारेबाजी की. विधानसभा अध्यक्ष के गुरुवार को मामला दिखवाने के आश्वासन के बाद विपक्ष ने धरना समाप्त कर दिया.

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