सियासत के खेल भी अजब हैं, दोस्ती भी बदल जाती है सत्ता की जंग में

कुमार विश्वास के द्वारा दिल्ली के चुनावी मौसम में छोड़े जा रहे शब्दबाणों का सीधा लाभ भाजपा को मिलने वाला है. या कोई ताज्जुब नहीं कि यही भाजपा की रणनीति भी रही हो

पाॅलिटाॅक्स ब्यूरो. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी सहित भाजपा और कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों के नामांकन के साथ ही चुनावी घमासान की तस्वीर साफ हो गई है. पिछले विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के सारथी रहे प्रख्यात कवि कुमार विश्वास भले ही भाजपा में नहीं गए हों लेकिन उनके द्वारा दिल्ली के चुनावी मौसम में छोड़े जा रहे शब्दबाणों का सीधा लाभ भाजपा को मिलने वाला है. या कोई ताज्जुब नहीं कि यही भाजपा की रणनीति भी रही हो. क्यों कि अगर कुमार विश्वास भाजपा में होते और केजरीवाल के खिलाफ बयान देते तो जनता का उस पर खास असर नहीं पडता. केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए भाजपा के पास प्रकाश जावेडकर, मनोज तिवारी और विजय गोयल जैसे कई बयानवीर मौजूद हैं, जो आए दिन केजरीवाल सरकार पर हमला करते रहते हैं.

आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव लड रही है, वहीं भाजपा और कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने के लिए कोई एक चेहरा नहीं है. राजनीतिक समीकरण सीधा सा है कि अरविंद केजरीवाल के नाम पर पूरा चुनाव होगा. खास बात यह भी कि इन चुनाव के मुददे खुद अरविंद केजरीवाल ने तय किए हैं. अब उन्हीं मुददों पर यह चुनाव आगे बढ रहा है.

यूं तो अरविंद केजरीवाल सियासी खेल में पूरी तरह मजबूत दिखाई दे रहे हैं लेकिन चुनाव तो चुनाव है. इन चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा प्रतिष्ठा भाजपा की दाव पर लगी है. केंद्र में मोदी की सरकार और दिल्ली एमसीडी पर भाजपा का परचम इसकी बडी वजह है. भाजपा का माइनस प्वाइंट सबसे बडा यह है कि देश की सबसे बडी पार्टी होने के बाद भी दिल्ली के चुनाव के लिए वो अरविंद केजरीवाल के सामने कोई ऐसा चेहरा खडा नहीं कर सकी, जो इन चुनाव में बडी भूमिका अदा कर सके. समय-समय पर केजरीवाल के चेहरे के सामने कुमार विश्वास को लाने की बात होती रही. लेकिन बातें केवल बातों तक ही सिमटी रही. कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी के फाउंडर मेंबर और पिछले चुनाव में केजरीवाल और आप पार्टी को जीत दिलाने में सबसे बडी भूमिका निभाने वाला चेहरा रहा है.

दो साल पहले दोनों के बीच दरार पड गई. मसले कई थे, कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल की नीतियों से हटकर बयान देना शुरू कर दिया. इसके बाद राज्यसभा में जाने को लेकर दोनों में तकरार हो गई. मतभेद बढते गए और दोनों के बीच काफी दूरियां बन गई.

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कतर के दौरे से दिल्ली लौटे कुमार विश्वास ने जिस तरह से ट्वीट किया है. उसे देखा जाए तो वो बहुत ही खतरनाक अंदाज वाला ट्वीट है. सीधा-सीधा केजरीवाल पर बडा हमला और केजरीवाल को कठघरे में खडा करनेवाला है. इस ट्वीट से यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुमार विश्वास आने वाले कुछ दिनों में केजरीवाल पर कई व्यक्तिगत सियासी हमले करेंगे.

समझिए, कुमार विश्वास के ट्वीट को. एक समाचार आया कि दिल्ली के परिवहन विभाग कार्यालय में आग लगी. ठीक इसके बाद कुमार विश्वास का टिवट आया . ट्वीट में कुमार विश्वास ने कहा कि ‘सबूत जलने लगे हैं गुनाहगारों के’ यह ट्वीट बताता है कि कुमार विश्वास पूरे चुनाव के दौरान केजरीवाल के खिलाफ आक्रमक रूख अपनाएंगे. 2015 के चुनाव में केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दिन रात एक करने वाले कुमार विश्वास 2020 में केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद पर किसी भी हाल में देखना नहीं चाहते हैं. यही कारण रहा कि वो केजरीवाल के खिलाफ बयान दे रहे हैं.

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते थे. कांग्रेस कई बार इस गठबंधन के लिए मना कर चुकी थी. फिर भी केजरीवाल प्रयास कर रहे थे. उस समय कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में इन शब्दों का इसतेमाल किया था कि मित्रहंता लालायित थूकचट्टा. इस ट्वीट में उन्होंने अपने कुत्ते पिक्यूटी का जिक्र भी किया है.
क्ुमार विश्वास ने ट्वीट में लिखा कि ये 45 दिन के पिक्यूटी ( महाशय हैं इन तक में इतना स्वाभिमान है कि जब से एक बार कमरे में प्रवेश न करने को कहा है,तबसे बिना प्यार से पुकारे अंदर नहीं आते ! 50 बार “लगभग मना” करने की जरूरत ही नहीं,क्यूकिं ये भोले “पशु-कुल” से हैं, “मित्रहंता लालायित थूकचट्टा” वंश से नहीं.

ठीक इसी तरह का एक और ट्वीट समझिए. मौका था सेना दिवस का, इस मौके पर केजरीवाल ने सेना का बधाई दी. कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा है चुनाव भी क्या जालिम चीज है, सेना के पराक्रम पर सवाल उठाकर पूरी दुनिया में भारत और भारत की सेना को कठघरे में खड़े करने वाले सेना को बधाई दे रहे हैं. कुमार विश्वास ने यह टिवट 15 जनवरी 2020 को किया.

इसी तरह जब 2019 लोकसभा चुनाव के लिए केजरीवाल ने अपने सहयोगियों के साथ चुनावी घोषणा पत्र जारी किया, तब कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि कोई जयद्रथ अपने आसपास कितने भी मित्रहंता निर्वीर्य-नायाब जमा कर ले, मारा ही जाएगा!

अभी हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस छोड़ कर आप में शामिल होने वाले धनवती चंदेला को टिकट दिया गया है. कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा है कि 2013 में पार्टी के लोग इनसे पिटे, हमने संघर्ष किया और इन्हीं से लड़कर जीते…2020 में इन्हें बुलाकर टिकट दे दिया!

इनसे जाहिर है कि कुमार विश्वास अब दिल्ली चुनाव पूरे होने तक अरविंद केजरीवाल पर लगातार आक्रमक अंदाज में निशाना साधकर परेशानियां खडी करते रहेंगे.

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