Politalks.News/Uttrakhand. उत्तरप्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बंपर जीत के बाद भाजपा उत्साहित है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी को इस जीत के बाद नई ताकत मिल गई है. इसी बीच सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि 2022 में बीजेपी की सरकार बनेगी. साथ ही योगी ने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के चैलेंज को भी स्वीकार कर लिया. योगी और ओवैसी में बयानबाजी को अहम माना जा रहा है. क्योंकि अभी योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े हिंदूवादी चेहरे माने जाते हैं तो ओवैसी की अल्पसंख्यकों के बड़े नेता हैं.और यूपी में करीब 20 फीसदी से ज्यादा अल्पसंख्यक वोटर्स हैं, जिसको देखते हुए हैदराबाद की गलियां छोड़ ओवैसी यूपी में भाग्य आजमाने पहुंचे हैं
दरअसल, AIMIM चीफ ओवैसी ने कहा था- ‘वो किसी भी हाल में 2022 में योगी आदित्यनाथ को सीएम नहीं बनने देंगे’. यूपी के सीएम योगी ने अब ओवैसी के चैलेंज को स्वीकार कर लिया है. योगी ने कहा- ‘असदुद्दीन ओवैसी देश के एक बड़े नेता हैं. अगर उन्होंने बीजेपी को विधानसभा चुनाव के लिए चुनौती दी है तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनकी चुनौती स्वीकार कर ली है. इसमें कोई शक नहीं है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव में सरकार
बनाएगी, साथ ही योगी ने बीजेपी के 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा भी किया है’.
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100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी एआईएमआईएम- हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी यूपी में 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा था- ‘यूपी चुनाव को लेकर मैं कुछ बातें आपके सामने रख देना चाहता हूं, हमने फैसला लिया है कि हम 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे, पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने का प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है. हम ओम प्रकाश राजभर साहब ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ के साथ हैं.हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है.
बीजेपी का उत्साह चरम पर, जान लीजिए क्या कहते हैं पुराने ट्रेंड!- भाजपा पंचायत चुनावों में मिली इस जीत से उत्साहित है नेताओं की प्रतिक्रियाओं में विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद साफ नजर आती है. अगर चुनाव के हार जीत के ट्रेंड पर नजर डालें तो पायेंगे 2011 में बसपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की सर्वाधिक सीटें जीतीं और 2012 के विधानसभा चुनाव में हार गई. 2016 में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती और 2017 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई. यह हार जीत कई मायनों में यह साबित करती है कि इस जीत को विधानसभा में मिलने वाली हार जीत से जोड़कर देखना मुश्किल है.
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जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बंपर जीत-बता दें कि यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने 75 में से 67 सीटों पर कब्जा कर लिया है. वहीं समाजवादी पार्टी के हिस्से में महज 5 सीटें आई हैं. अन्य को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई है. बुंदेलखंड की सभी सीटों पर बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है.
यूपी पंचायत चुनाव के परिणाम-यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जिला पंचायत का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. शनिवार को वोटिंग के बाद 75 जिलों के परिणाम आ चुके हैं. इनमें 65 सीटों पर कब्जा जमाकर बीजेपी ने अपना परचम लहरा दिया है. 2 सीटें बीजेपी की सहयोगी अपना दल को मिली हैं. समाजवादी पार्टी को मात्र 5 सीटों से संतोष करना पड़ा है. इसके अलावा लोकदल, निर्दलीय और जनसत्ता दल को 1-1 सीट मिली है.