Politalks.News/Bihar Election. आगामी अक्टूबर-नवंबर माह में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. कोरोना महामारी के बीच होने जा रहा राज्य का विधानसभा चुनाव ‘डिजिटल’ पर आधारित होगा. केंद्रीय चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के साथ सभी मतदाताओं को सख्त दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि बिना ‘मास्क‘ लगाए नेताओं को चुनाव प्रचार करने की इजाजत नहीं होगी. साथ ही वही लोग वोट डाल पाएंगे जिनके मास्क लगा रहेगा.
कोरोना काल में सेहत की सुरक्षा के लिए ‘कवच‘ बना फेस मास्क लगातार ‘नए-नए रंग‘ में सामने आ रहा है. शुरुआती दौर में यह मेडिकल उपकरण के तौर पर था. लेकिन अब बिहार विधानसभा चुनाव में मास्क ‘सियासी रंग‘ लेने लगा है. भाजपा, जेडीयू, आरजेडी और लोजपा मास्क को प्रचार सामग्री के तौर पर इस्तेमाल करने लगे हैं. गमछा और टी-शर्ट के साथ ही अब मास्क भी राजनीतिक दलों के पसंदीदा रंग और चुनाव चिह्न के साथ बाजार में आने लगा है. प्रत्याशी अब अपने चेहरे पर जो मास्क लगाकर जाने की तैयारी में हैं, उस पर उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न छपा हुआ है. हम आपको बता दें कि बिहार में हर पार्टी के लिए अलग-अलग मास्क तैयार हो रहे हैं. राजद, जदयू, लोजपा समेत सभी पार्टियों के चुनाव चिह्न वाले मास्क तेजी से ट्रेंड करने लगे हैं. विभिन्न दलों से जुड़े लोग पार्टी के रंग और चुनाव चिह्न के हिसाब से मास्क के आर्डर दे रहे हैं. भाजपा, जदयू और लोजपा के साथ सभी पार्टियों के सिंबल वाले मास्क मिल रहे हैं.
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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत वाले मास्क पहनने की सभी दलों में लगी होड़–
दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए घटक दलों ने सहानुभूति लेने की तैयारी कर ली है. भाजपा भी जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी है. भाजपा ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर भी एक अभियान चलाया है, जिसे ‘भूलने नहीं देंगे‘ नाम दिया है. इसके तहत सुशांत सिंह की तस्वीर छपे मास्क बांटे जा रहे हैं. भाजपा का कहना है कि सुशांत सिंह बिहार के बेटे थे और उनके साथ अन्याय हुआ है. भाजपा ने इस अभियान के लिए 40 हजार मास्क जनता के बीच बंटवाए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने अभिनेता सुशांत के मुस्कुराते हुए चेहर को प्रदर्शित करते हुए मास्क भी बनवाए हैं.
इसके साथ भाजपा नेताओं का दावा है कि हमने ही सुशांत सिंह मामले में सीबीआई जांच कराई है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की सीबीआई जांच कराने के लिए अपना श्रेय लेने में जुटे हुए हैं. लोक जनशक्ति पार्टी इस बार अपने नारों में बिहार व बिहारी के नारे को प्राथमिकता दे रही है. बिहारी फर्स्ट वाले मास्क लोजपा के द्वारा बांटे जा रहे हैं. जिसको लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है. राजद ने इसे लेकर भाजपा को घेरा है. भाजपा का कहना है कि सुशांत मामले में भाजपा काफी पहले से अभियान चला रही थी. वहीं कई दलों ने अपनी पार्टी के चिन्ह को भी मास्क पर छपवाने की तैयारी कर ली है.
बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान बहुत ही फायदेमंद साबित होगा मास्क-
बिहार चुनाव में मास्क राजनीतिक दलों के लिए काफी फायदेमंद प्रचार सामग्री की भी भूमिका निभा रहा है. बिहार में एनडीए हों या महागठबंधन दल, सभी मास्क को प्रचार सामग्री के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं. पिछले दिनों बिहार के नीतीश सरकार ने राज्य के सभी जिलों के लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. वहीं चुनाव आयोग तक कह चुका है मास्क नहीं पहना तो वोट नहीं डालने देंगे. लेकिन कौन जानता था कि जिस मास्क को कोरोना से बचाव का हथियार माना जा रहा है वो बिहार में पॉलिटिक्स का ‘प्रचार हथकंडा‘ बन जाएग. पार्टियां ज्यादातर लोगों तक अपने चुनाव चिन्ह वाला मास्क पहुंचाना चाहती हैं तो लोग हर पार्टी का मास्क इकट्ठा करना चाहते हैं. कई लोगों को भाजपा, जदयू और लोजपा के सिंबल वाले मास्क मिल गए हैं.
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बता दें, फिलहाल बिहार के पॉलिटिकल मार्केट में तीन तरह के मास्क मिल रहे हैं. एक पार्टियों के अपने चुनाव चिन्ह वाले, दूसरे मिथिला पेंटिंग्स वाले और तीसरे सुशांत सिंह राजपूत की फोटो वाले. दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं के बीच बढ़ती मास्क की डिमांड की वजह से इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को रोजगार मिल रहा है. यही नहीं इन दिनों बिहार के अधिकांश जिलों में मास्क बनाने के काम में तेजी आ गई है.