PoliTalks.News/Rajasthan. राजस्थान में सियासी संकट को लेकर सरकार जयपुर के होटल फेयर माउंट में बंद है. विधायकों की खरीद फरोख्त और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कथित तौर पर 103 विधायकों को होटल में पिछले सप्ताहभर से बाड़ेबंदी में रखा है और सरकार बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इधर, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सभी बागी विधायकों को संपर्क करने का मौका दिया जिस पर पायलट समेत सभी 19 विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. मामले की सोमवार को सुनवाई होनी है. होटल के अंदर विधायकों की मौज मस्ती करने, योगा करने और फुटबॉल खेलने के फोटो रह रहकर सामने आ रहे हैं, वहीं बाहर लगातार नए कोरोना मरीजों के नित नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. सीधे शब्दों में कहें तो पायलट कांड ने कोरोना को तो भुला ही दिया है.
बीते तीन दिनों की बात करें तो प्रदेश में 2218 से अधिक नए कोरोना मरीज सामने आए हैं. बीते गुरुवार को प्रदेश में एक दिन में सर्वाधिक कोरोना मरीजों का नया रिकॉर्ड बना. इस दिन केवल 24 घंटे में 866 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई, साथ ही 06 लोगों की मौत कोरोना के चलते हुई. उसके पहले के दो दिनों में सामने आने वाले नए मरीजों की संख्या 737 और 615 रही. दोनों दिन 8-8 मरीजों ने अपनी जान गंवा दी. वर्तमान में राजस्थान में कुल मरीजों की संख्या 28 हजार है जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 6737 है. 20686 मरीज रिकवर हो चुके हैं. आज ही 60 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं लेकिन खबर लिखे जाने तक शनिवार को 184 नए मरीजों की पुष्टि हुई है जबकि 4 लोगों की मौत वायरस से हुई है.
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कुल मिलाकर कहा जाए तो बाहर जनता मर रही है और सरकार 5 सितारा होटल में मौज मस्ती करने में व्यस्त है. कोरोना अंदर आ नहीं सकता और नेता बाहर जा नहीं सकते. अब प्रदेश की जनता बड़ी दुविधा में है कि आखिर दोष दे तो दें किसे? सीएम गहलोत कहते हैं कि बीजेपी सरकार गिराने का प्रयास कर रही है, इसलिए विधायकों की बाड़ेबंदी की गई है लेकिन मुआं कोरोना को ये कौन समझाए कि अभी सरकार शांत है इसलिए ‘महाराज कोरोना’ आप भी अपनी तपन को शांत करें, लेकिन वो तो मानने को तैयार ही नहीं. कोरोना महाश्य को भी लग गया होगा कि कोरोना को भगाने वाले खुद ही मैदान से गायब हैं, ऐसे में जितना फायदा उठा सकें, उठा लेते हैं. यही वजह है कि बीते दिन दिन में कोरोना के 2200 से अधिक मरीज सामने आए हैं और आज ये संख्या तीन हजार हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
करीब 10 दिन पहले प्रदेश की राजनीति कोरोना पर आकर टिक गई थी. सत्ता पक्ष कोरोना संकट के दौरान अपने किए गए कार्यों को गिना रहा था तो विपक्ष कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और अस्पतालों में बिगड़ती व्यवस्थाओं का रोना रो रहा था. लेकिन सचिन पायलट ने बागी तेवर दिखाते हुए गुरुग्राम के आईटीसी ग्रांड होटल में शरण क्या ली, पूरी राजनीति कोरोना से हटकर पायलट और गहलोत पर आ गई. यहां तक की पूरे देश की राजनीति का ध्यान राजस्थान की सियासी रणभूमि पर आ टिका जिसके दो जंगी मैदान हैं. पहला- जयपुर का होटल फेयर माउंट जहां कांग्रेस के विधायकों का जमावड़ा है. दूसरा- मानेसर का आईटीसी ग्रांड होटल, जहां कांग्रेस के 19 विधायक सचिन पायलट सहित कथित तौर पर हरियाणा की खट्टर सरकार के मेहमान बने हुए हैं जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
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हालात ये हैं कि देश की राजनीति और मीडिया संस्थानों का ध्यान जब से राजस्थान की सियासी रणभूमि की ओर घूमा है, देश में भी कोरोना की बिगड़ती हालत से ध्यान हट सा गया है. बात करें देशभर में कोरोना की वर्तमान स्थितियों की तो बीते दिन दिनों में कोरोना के नए संक्रमितों की संख्या एक लाख से भी ज्यादा है. शुक्रवार को देश में एक दिन में सबसे अधिक कोरोना मरीजों का नया रिकॉर्ड बना है. शुक्रवार को 36059 नए मरीजों की पुष्टि हुई है जबकि 681 लोगों की मौत हुई. वहीं गुरुवार को 36429 नए कोरोना संक्रमित आए तो 690 लोगों ने कोरोना के चलते जान गंवाई. बुधवार को आंकड़ा 32672 और 603 मौतों का रहा.
देश में कोरोना मरीजों की कुल संख्या 10.41 लाख से अधिक है जबकि 3.60 लाख एक्टिव मरीज हैं. 6.54 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं लेकिन 26295 लोग कोरोना से जंग हार बैठे. कुल मिलाकर कहा जाए तो जनता ने तो कोरोना के सामने हार नहीं मानी लेकिन खुद जानलेवा कोरोना देश और प्रदेश की राजनीति के आगे हार मान चुका है. देश और प्रदेश के मीडिया चैनलों से कोरोना पूरी तरह से गायब है क्योंकि संभल जाइए …प्रदेश में गहलोत-पायलट की सियासी जंग जारी है जिसकी वैक्सिन कभी बन पाएगी, कहना थोड़ नहीं काफी मुश्किल है.