दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद के नाम पर बनी सहमति

पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको और एआइसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल के बीच चली लंबी चर्चा के बाद कीर्ति आजाद ने नाम पर बन चुकी है सहमति

80 दिन पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Shila Dixit) के निधन के बाद से खाली पड़े दिल्ली कांग्रेस (Delhi Congress) प्रदेश अध्यक्ष पद का इंतजार शुक्रवार को ख़त्म हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली के नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी. प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में चल रहे 9 नामों में से पूर्व क्रिकेटर और दो बार लोकसभा सांसद रह चुके कीर्ति आजाद (Kirti Azad) को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको और एआइसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) के बीच चली लंबी चर्चा के बाद कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने नाम पर सहमति बन चुकी है.

पूर्व क्रिकेटर और पूर्व लोकसभा सांसद कीर्ति आजाद (Kirti Azad) के नाम पर सहमति बनने का कारण यह माना जा रहा है कि दिल्ली कांग्रेस में वर्तमान में गुटबाजी अपने चरम पर चल रही है, तमाम बड़े नेता अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं. कमोबेश दिल्ली कांग्रेस की ऐसी ही स्थिति 1998 के उस दौर में थी जब इस तरह की गुटबाजी को संभालने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बाहर से लाकर दिल्ली की कमान सौंप दी गई थी. आलाकमान का मानना है इस समय भी गुटबाजी को थामने का यही एक जरिया है. कीर्ति आजाद प्रदेश कांग्रेस में भले ही सक्रिय न हों, लेकिन दिल्ली के ही रहने वाले हैं और पूर्व में दिल्ली में राजनीति करते हुए यहां से विधायक भी रह चुके हैं.

खुर्शीद: राहुल के जाने से पार्टी का भविष्य अधर में, कांग्रेस का न नेता-न नीति-न नियत: बीजेपी

सूत्रों की मानें तो लंबी रस्साकशी के बाद कीर्ति आजाद (Kirti Azad) के नाम पर सहमति बन गई है और काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो दिन पहले कीर्ति आज़ाद से फ़ोन पर बात भी की थी. कीर्ति आजाद ने इसी साल 18 फरवरी को ही कांग्रेस जॉइन की है. पार्टी को राहुल गांधी के विदेश से लौटने का इंतजार था और माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने भी कीर्ति आजाद के नाम पर मुहर लगा दी है. पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली कांग्रेस में तीन कार्यकारी अध्यक्षों का फॉमूर्ला आगे भी जारी रह सकता है. हालांकि तीनों कार्यकारी अध्यक्षों को भी बदला जाएगा और इनकी जगह नए चेहरे लाए जाएंगे. नए कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा भी नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही की जा सकती है.

जानकारों की मानें तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में कुल 9 लोग चल रहे हैं जिनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली और सुभाष चोपड़ा के अलावा तीन कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव, राजेश लिलोठिया और हारून यूसुफ़ के अलावा शीला दीक्षित के बेटे और वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित और पूर्व विधायक कीर्ति आज़ाद शामिल हैं. दिल्ली के अध्यक्ष को लेकर सोनिया गांधी ने अभी तक लगभग 50 नेताओं से चर्चा की है, जिसमें ज़िला अध्यक्ष से लेकर सभी बड़े नेता शामिल हैं. इसके अलावा प्रभारी पीसी चाको और सगंठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी दो दिन पहले नामों पर चर्चा की.

पार्टी सूत्रों के अनुसार 20 जुलाई को शीला दीक्षित के निधन के बाद से ही सोनिया गांधी और प्रभारी पीसी चाको के बीच नए अध्यक्ष के नाम पर कई बैठकें हो चुकी हैं. कई नामों पर विचार विमर्श भी किया गया, जिसमें कुछ नामों पर सोनिया असहमत थीं तो कुछ पर चाको ने सहमति नहीं दी थी. तमाम तरह की चर्चाओं के बाद सोनिया गांधी, पीसी चाको और एआइसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लम्बी मंत्रणा के बाद कीर्ति आजाद (Kirti Azad) के नाम पर मुहर लगा दी है.

Leave a Reply