पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पिछले 2 महीने से अधिक समय से जारी लॉकडाउन का असर देश के गरीब तबके पर सबसे ज्यादा पडा है. ऐसे में संकट के इस दौर से गुजर से रहे लाखों प्रवासी श्रमिकों, किसानों, संगठित क्षेत्रों के कामगारों, एमएसएमई, छोटे कारोबारियों और दैनिक मजदूरों की आवाज को केन्द्र सरकार तक पहुंचाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा 28 मई, 2020 को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक देशभर में ऑनलाइन अभियान चलाया जाएगा.
केंद्र सरकार तक मजदूरों की आवाज को पहुंचाए जाने वाले कांग्रेस के इस ऑनलाइन अभियान के सम्बन्ध में मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने देश के सभी राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं से ऑनलाईन चर्चा की. इस ऑनलाईन बैठक में अभियान की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की गई. राजस्थान से भी इस ऑनलाईन बैठक में पीसीसी चीफ एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हिस्सा लिया.
ऑनलाईन अभियान के बारे में जानकारी देते हुए सचिन पायलट ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी द्वारा समय-समय पर केन्द्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों एवं मजदूरों की पीड़ा को कम करने हेतु अनेक उपयोगी सुझाव दिए गए. इन सुझावों को केन्द्र सरकार ने सिरे से नकार दिया तथा प्रवासी श्रमिकों, किसानों, दैनिक मजदूरों, एमएसएमई, लघु उद्यमियों और गैर-संगठित क्षेत्रों के कामगारों को किसी प्रकार का सहयोग करने की बजाय उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया है. इन वर्गों की आवाज को केन्द्र सरकार तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जायेगा.
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस अभियान में मांग करेगी कि लॉकडाउन के कारण अपना रोजगार खो चुके परिवार, जो आयकर के दायरे से बाहर हैं उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा तुरन्त प्रभाव से 10 हजार रुपये की मदद सीधे नकद राशि के रूप में दी जाए. पायलट ने प्रदेश के सभी कांग्रेसजनों से आह्वान किया है कि पार्टी के इस अभियान में फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब तथा अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से इस देशव्यापी ऑनलाईन कैम्पेन में अनिवार्य रूप से प्रतिभागी बनकर अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करें.
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राजस्थान में मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजगार डिडे जाने के संम्बध में जानकारी देते हुए सचिन पायलट ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान परिस्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाकर आर्थिक सम्बल प्रदान करने में मनरेगा योजना मददगार साबित हुई है. राजस्थान में मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन 40 लाख से अधिक हो गया है जो कि पिछले 10 वर्षों में सर्वोच्च है.