Politalks.News/Uttarpradesh. देश में कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड 55% का भारी उछाल हुआ है. देश में अर्से बाद एक दिन में 58 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. साथ ही देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले में भी 2100 के पार चले गए हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सहित देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यूपी कांग्रेस (UP Congress) ने बड़ा फैसला लिया है. सूत्रों की माने तो पार्टी नेतत्व ने तय किया है यूपी में फिलहाल किसी बड़ी रैली (Congress Rallies) का आयोजन नहीं किया जाएगा. कांग्रेस यूपी चुनाव (UP Chunav) में वर्चुअल रैली पर जोर देगी. पार्टी ने इसके साथ राज्य में आयोजित होने वाली लड़कियों की मैराथन रेस को भी रद्द कर दिया है.
अधिकारिक ऐलान का इंतजार!
हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन यह तय माना जा रहा है कि आलाकमान की ओर से ये फैसला ले लिया गया है. इसको लेकर 3 जनवरी को बड़े नेताओं की बैठक में सहमति लगभग बन चुकी थी. दूसरी तरफ सियासी गलियारों में चर्चा है कि, कोरोना की जंग लड़ने के लिए कांग्रेस ने तो पहल कर दी है. अब देखना यह होगा की भाजपा और अन्य दलों द्वारा ऐसे निर्णय कब लिए जाते हैं.
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वाराणसी और आजमगढ़ में प्रस्तावित मैराथन दौड़ कैंसिल!
कांग्रेस ने वाराणसी और आजमगढ़ में होने वाली मैराथन दौड़ को कैंसिल कर दिया है. आजमगढ़ में आज तो वहीं वाराणसी में वहीं वाराणसी में 9 जनवरी को लड़कियों की मैराथन दौड़ का आयोजन रखा गया था, लेकिन अब इसे अगली सूचना तक कैंसिल कर दिया गया है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृ्त्व का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब इन मैराथन रेस में बड़ी संख्या में लड़कियां जुट रही थी. इस भीड़ के कारण कई बार इन दौड़ में अव्यवस्था भी देखने को मिली. बरेली में आयोजित ऐसी ही एक मेराथन रेस में मंगलवार को भगदड़ जैसे हालात बन गए थे, जिसमें कई लड़कियां घायल हो गईं. इसके बाद से कांग्रेस के इस मैराथन दौड़ पर सवाल उठना शुरू हो गए.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रियंका गांधी इस बार महिलाओं के अधिकार को लेकर मुद्दा उठा रही है, जिसके अंतर्गत ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं‘ के स्लोगन के साथ कांग्रेस लगातार उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम कर रही है. इसी कड़ी में अलग-अलग शहरों में लड़कियों की मैराथन रेस का आयोजन हो रहा था.
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सोशल मीडिया पर छिड़ी है बहस
सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बहस तेज हो रही थी कि एक तरफ कोरोना के बढ़ते केस दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियों की बड़ी बड़ी रैलियां, रैलियों में जमा हो रही भीड़ पर सवाल उठाए जा रहे थे. ऐसे में कांग्रेस की ओर से लिया गया यह निर्णय सकारात्मक पहल माना जा रहा है. अब देखना यह होगा कि भाजपा और सपा समेत अन्य दलों की ओर से ऐसा ही निर्णय कब लिया जाता है.