कांग्रेस अब निर्णायक नेतृत्व के अभाव में बिखरने की कगार पर नजर आने लगी है. विभिन्न राज्यों में कांग्रेस में बिखराव साफ देखा जा सकता है. जगह-जगह गुटबंदी बढ़ रही है. पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने बगावत कर दी है. हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर आमने-सामने हो रहे हैं. महाराष्ट्र में कांग्रेस के विभिन्न गुट बन चुके हैं. कर्नाटक की स्थिति स्पष्ट है, जहां कांग्रेस के कई विधायक सत्तारूढ़ जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार से बगावत पर उतारू हैं. पूर्व केंद्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि पार्टी के आंतरिक मतभेद जल्दी ही सुलझ जाएंगे. जब कांग्रेस का चुनाव कार्यक्रम स्पष्ट हो जाएगा, उसके बाद मतभेदों की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी.
पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देकर उसे सार्वजनिक करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख शीला दीक्षित के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है. राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए सात हफ्ते से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन अभी तक कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक नहीं हुई है. इस बीच कर्नाटक में भी उथल-पुथल मची हुई है. इस तरह कांग्रेस फिलहाल नेतृत्व के संकट से जूझ रही है और इससे उसकी छवि भी बिगड़ रही है.
पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद अब सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि सिद्धू ने अपना इस्तीफा अमरिंदर सिंह को देने के बजाय राहुल गांधी के पास भेजा है. इसकी सूचना उन्होंने ट्विटर पर दी है. शनिवार को दिल्ली में भी कांग्रेस की गुटबंदी सामने आ गई. दिल्ली विधानसभा के चुनाव फरवरी में होने वाले हैं.
दिल्ली के 29 कांग्रेस नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ब्लाक स्तर पर गलत लोगों की नियुक्तियां कर दी है और उनके नाम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी पीसी चाको ने इस संबंध में शीला दीक्षित को पत्र लिखा है. चाको ने शीला दीक्षित को उलाहना दिया है कि आप जैसी वरिष्ठ नेता को एआईसीसी के दिशानिर्देशों के खिलाफ फैसले करना शोभा नहीं देता. इससे पार्टी में मतभेद उभर रहे हैं और पार्टी की एकजुटता पर विपरीत असर हो रहा है.
महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और कांग्रेस में भारी गुटबंदी दिख रही है. कांग्रेस ने राहुल गांधी के नाम पर विभिन्न चुनाव समितियों का गठन कर दिया है. कांग्रेस की रणनीति समिति, चुनाव घोषणा पत्र एवं समन्वय समिति इनमें शामिल है. इन समितियों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात के अलावा वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण के नाम शामिल हैं.
हरियाणा में भी जबर्दस्त खींचतान दिख रही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के गुट एक-दूसरे के खिलाफ दिख रहे हैं, जबकि तीन महीने बाद ही हरियाणा विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जैसाकि कई दिग्गज़ नेताओं ने आशंका व्यक्त की है कि जल्द ही कांग्रेस पार्टी को नया कप्तान नहीं मिलता है तो पार्टी में बिखराव बढ़ेगा. कार्यकर्ता छिटक कर दूसरी पार्टियों में जाने की कोशिश करेंगे और धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी को अपने अस्तित्व को बचाने का संकट पैदा हो जाएगा.