Politalks.News/Rajasthan. कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में रविवार को प्रदेश कांग्रेस ने राजधानी के शहीद स्मारक पर सांकेतिक धरना दिया. कांग्रेस के धरने पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेसियों को ट्रेंड कर रहे हैं कि अभी से धरने की आदत डाल लें, क्योंकि अब मुझे लगता है वो कभी कभी सत्ता में नहीं आएंगे. जो बचे खुचे लोग रहेंगे वो दरी बिछाकर अब धरने ही देंगे. वहीं सीएम गहलोत द्वारा शाम को विधायकों को दिए डिनर को लेकर पूनियां ने कहा कि एक तरफ तो धरना दे रहे हैं और शाम को डिनर करेंगे, यह किसी आंदोलन को हिस्सा नहीं हो सकता कि दिन में उपवास और शाम को भरपेट जीमोगे यह बात सही नहीं है.
सतीश पूनियां ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर प्रेस वार्ता के दौरान सीएम गहलोत की भाषा को लेकर भी पलटवार किया. पूनियां ने कहा कि पिछले दो साल से गहलोत स्टीरियो टाइप रटी-रटाई बात करते हैं. वो संघवाद की बात तो करते हैं लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लेकर जिस तरह की भाषा का वो प्रयोग करते हैं वो संघवाद का उल्लंघन है. पूनियां ने सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 10 दिन में कर्जामाफी की बात कही थी, लेकिन किसानों का पूरा कर्जामाफ करने की बजाय पूर्ववर्ती सरकारों की तरह केवल सहकारिता के कर्जे को ही माफ किया गया.
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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि जिन कृषि बिलों को लेकर कांग्रेस किसानों को बरगलाने का काम कर रही है, यह उनके 2019 के घोषणा पत्र में शामिल था. यही नहीं खुद कपिल सिब्बल ने संसद में एपीएमएसी में बदलाव और निजी कृषि बाजार खोलने की बात कही थी और इसका सभी ने समर्थन भी किया था. लेकिन सीएम गहलोत और कांग्रेस यूटर्न लेने में माहिर हैं.
वहीं इस मौके पर कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में हो रही देरी को लेकर भी सतीश पूनियां ने निशाना साधा और कहा कि वो हमें कहते थे कि भाजपा की कार्यकारिणी नहीं बनी, मगर छह महीने हो गए वो अपनी कार्यकारिणी कागज पर भी नहीं लिख पाए.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी कांग्रेस के धरने और मुख्यमंत्री आवास पर दिए गए भोज को लेकर सरकार पर निशाना साधा. राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा कि एक तरफ केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल हैं, जो किसानों के साथ लाइन में लगकर खाना खाते हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता हैं जो किसानों के साथ बैठकर नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री निवास पर विभिन्न तरह के लजीज व्यंजनों का आनंद लेंगे.
राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस के शहीद स्मारक पर दिए गए धरने को लेकर लिखा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र बेनकाब हुआ है. किसानों के प्रति सहानुभूति जताने के लिए कथित किसान हितैषी होने का ढोंग करेंगे और उसके बाद रात्रि भोज में शामिल होकर नाना प्रकार के व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगे. राठौड़ ने लिखा कि कांग्रेस का नए साल पर किसानों के प्रति सहानुभूति प्रकट करने का नायाब तौर तरीका हास्यापद है.