उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट सालों से गांधी परिवार का अभेद किला रही है. यहां से राजीव गांधी, सोनिया गांधी और उसके बाद राहुल गांधी ने जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक पारियां खेली है. हालांकि पिछली बार इस सीट पर राहुल गांधी को हार नसीब हुई थी. बीजेपी की स्मृति ईरानी यहां अपना पांव पसार रही है और अमेठी को बीजेपी का गढ़ बनाती जा रही है. राहुल पिछली हार पचा नहीं पाएं और और कांग्रेस अब तक अमेठी में अपना प्रत्याशी ढूंढ़ने में लगी है. ऐसे में उड़ती उड़ती खबर आ रही है कि रॉबर्ट वॉड्रा को अमेठी से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. रॉबर्ट वॉड्रा गांधी परिवार के दामाद और प्रियंका गांधी के पति हैं.
रॉबर्ट वॉड्रा ने खुद इच्छा जाहिर की है कि वे अमेठी से आम चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं मैं अमेठी से चुनाव लडूं. एक मीडिया संस्थान को हाल में दिए गए इंटरव्यू में वॉड्रा ने कहा, ‘अमेठी के लोग वर्तमान सांसद से परेशान हैं और उन्हें लगता है कि सीटिंग सांसद स्मृति इरानी को चुनकर उन्होंने गलती की है.’ वॉड्रा ने आरोप लगाया कि स्मृति अमेठी की प्रगति के बारे में नहीं सोचती. अगर मैं (वॉड्रा) सांसद बनने का फैसला करता हूं तो अमेठी के लोग मुझसे प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद करते हैं. वर्षों तक गांधी परिवार ने अमेठी, रायबरेली ओर सुल्तानपुर में कड़ी मेहनत की है.
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इधर भारतीय जनता पार्टी ने अमेठी से वर्तमान सांसद स्मृति ईरानी को एक बार फिर टिकट थमाया है. स्मृति पिछले पांच सालों में अपने संसदीय क्षेत्र में न दिखी हो लेकिन पिछले कुछ महीनों में अमेठी के लगातार दौरे कर रही हैं और कांग्रेस पर नहीं, केवल राहुल गांधी पर निशाने साध रही हैं. स्मृति केवल अमेठी में ही नहीं, बल्कि बाहर भी राहुल गांधी का पीछा नहीं छोड़ रही है. स्मृति हाल में राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में बीजेपी उम्मीदवार के.सुरेंद्रन के नामांकन में भी पहुंची थी. यहां भी उन्होंने वायनाड की जनता के समक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था.
गौरतलब है कि कांग्रेस को यूपी में सपा से गठबंधन के तहत अमेठी व रायबरेली समेत 17 सीटें लड़ने को मिली हैं. उक्त दोनों सीटों पर ही कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी तय नहीं किए हैं. रायबरेली की सीटिंग सांसद सोनिया गांधी हैं जो इस बार चुनाव लड़ने से अभी तक इनकार कर रही हैं. यहां से प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं अमेठी से पिछली बार हार चुके राहुल गांधी फिर से स्मृति का सामना करने की हिम्मत अभी तक नहीं जुटा पाए हैं. दोनों सीटें कांग्रेस की परंपरागत सीटें हैं. ऐसे में रॉबर्ट वॉड्रा अमेठी से चुनावी जंग में उतरकर कांग्रेस को उनका किला वापिस दिला पाते हैं या नहीं, देखना रोचक रहने वाला है.