Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की कांग्रेस पार्टी अब जनवरी 2022 एक अधिवेशन करने जा रही है, जिसमें कांग्रेस के पार्टी पदाधिकारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पारित कर गहलोत सरकार को दिया जाएगा. उसके बाद से गहलोत सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी बड़े फैसले और बज़ट घोषणाएं प्रदेश कांग्रेस के अधिवेशन के प्रस्ताव के आधार पर लेगी. राजधानी जयपुर के बाड़ा पदमपुरा में आज से शुरू हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय ट्रेनिंग कैम्प में इस बात की घोषणा की गई. वहीं कांग्रेस के ट्रेनिंग कैम्प के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने बहुत अच्छे फैसले लिए, हमारी योजनाएं भी बहुत शानदार हैं, लेकिन हम सब काम करने के बावजूद मार्केटिंग में बहुत पीछे रहते हैं. जबकि बीजेपी वाले काम कुछ नहीं करते हैं, लेकिन वो मार्केटिंग में बहुत उस्ताद लोग हैं, खाली मार्केटिंग ही करते हैं, अब हमें भी इन बातों को समझना पड़ेगा.
इससे पहले ट्रेनिंग कैम्प के उद्घाटन सत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी मान-सम्मान होना चाहिए. वो सरकार से जो भी चाहते हैं, जनता के हित में उनकी जो मांगें हैं, सरकार उनका भी ध्यान रखे. डोटासरा ने आगे कहा कि उसके लिए हम एक अधिवेशन जनवरी 2022 में बुलाएंगे, जिसमें प्रस्ताव पारित कर सरकार को दिया जाएगा. डोटासरा ने मुख्यमंत्री गहलोत को इंगित करते हुए कहा कि मैं उम्मीद करता हूँ आपने संगठन और सरकार दोनों में काम किया है, इसलिए संगठन की बात को पूरी तवज्जो देंगे.
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इसके जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सम्बोधन में पीसीसी चीफ डोटासरा से कहा कि आप अधिवेशन बुलाओ, प्रस्ताव बनाओ और हमे दो. सीएम गहलोत ने कहा कि मौजूदा सरकार में अभी तक के जो फैसले हुए वो तो हो गए, लेकिन अब कांग्रेस पार्टी हमारी सरकार को आदेश दे. पब्लिक में ये भावना होनी चाहिए, तब जाकर हमें भी काम करने में मजा आएगा. पार्टी के अधिवेशन में सरकार और मुख्यमंत्री की आलोचना होगी, जो होनी भी चाहिए.
सीएम गहलोत ने डोटासरा को इंगित करते हुए कहा कि आप हमें कमियां बताओ, जो काम नहीं हो पाए उनके लिए मंत्री को कहें. ऐसा एक प्लेटफॉर्म होना चाहिए जहां पर खुलकर बात हो और मंत्री-मुख्यमंत्री जवाब दें, हर बात का लेखा-जोखा रहे. उसके बाद में जो प्रस्ताव आप पास करेंगे, उसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, पीसीसी पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं की भागीदारी होगी. उस प्रस्ताव के आधार पर जब सरकार विधानसभा में बजट पेश करेगी, घोषणा करेगी, स्कीम लेकर आएगी और जब वह स्कीम लागू होगी तो गांव में बैठा आदमी बोलेगा कि हमारे कांग्रेस नेता के कहने से सरकार को यह स्कीम बनानी पड़ी है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान सब मिलेगा. डोटासरा ने पीसीसी में मंत्रियों को जनसुनवाई के लिए बैठाना शुरू कर दिया है, अब कार्यकर्ता मंत्रियों से मिलना चाहें तो मिल सकते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि अगर अध्यक्ष अलग व्यवस्था कर देंगे कि कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलें, तो हम उस दिन खाली कार्यकर्ताओं से ही मिलेंगे.