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लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी सहित एनडीए खुशियां मना रहा है और नई सरकार के गठन की कवायद में जुटा है. वहीं विपक्षी खेमे में करारी हार के बाद खासी हलचल देखी जा रही है. देश की सबसे पुरानी व बड़ी पार्टी रही कांग्रेस में शर्मनाक हार के बाद खलबली मची हुई है. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे पर अड़े हैं तो वहीं कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद अब दिग्गज नेता राहुल गांधी को मनाने में जुटे हैं.

इसके अलावा कई प्रदेशाध्यक्षों ने इस्तीफे भेजने के साथ हार के कारणों पर मंथन करने व जिम्मेदारी तय करने की बात कही है. कांग्रेस की इस खलबली के बीच राजस्थान से भी हार के कारणों को लेकर जोर-शोर से आवाज उठ रही है. हार के मुख्य कारणों में शामिल कांग्रेसी खेमे के धड़े सीधे आलाकमान के संपर्क में जुटे हैं. प्रदेश सरकार के मंत्रियों व लोकसभा प्रत्याशियों द्वारा पार्टी हाईकमान को फीडबैक दिया गया है. कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कथित रूप से वैभव गहलोत के टिकट पर की गई टिप्पणी के बाद यह सिलसिला और बढ़ा है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट आज दिल्ली में मौजुद है. उनके साथ संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल व महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से मुलाकात की है. सूत्रों के अनुसार आलाकमान द्वारा प्रदेशाध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से भी हार पर फीडबैक मांगा गया था. जिसके बाद पायलट आज दिल्ली पहुंचे है. राहुल से मुलाकात में उन्हें इस्तीफे की जिद्द छोड़ने की भी बात कही गई है. लेकिन राहुल फिर भी अ़ड़े हैं. माना जा रहा है कि राहुल अगर अड़े रहते हैं तो नए अध्यक्ष तय करने तक वे पद पर सशर्त रह सकते हैं.

सूत्रों के अनुसार कई प्रदेशाध्यक्षों के पद छोड़ने की इच्छा और खुद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की इस्तीफे की जिद्द को देखते हुए आगामी दिनों में कांग्रेस नए रूप के साथ दिख सकती है. राजनीतिक जानकार तो यहां तक मान रहे हैं कि कांग्रेस शासित प्रदेशों में भी फेरबदल देखने को मिल सकता है. करारी हार के बाद कार्यकर्ताओं, नेताओं के अलावा पार्टी के पदाधिकारी तक इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि लगातार गर्त में जा रही कांग्रेस को खामियां सुधार कर नई दिशा देने की दरकार है.

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