Politalks.news/Rajasthan. राजस्थान के 6 जिलों जयपुर, दौसा, जोधपुर, भरतपुर, सिरोही और सवाई माधोपुर में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के लिए मतदान संपन्न हो चुके हैं. चुनावी प्रत्याशियों की किस्मत का पिटारा अब 4 सितम्बर को खुलेगा. वहीं कांग्रेस और बीजेपी ने मतदान के तुरंत बाद से अपने प्रत्याशियों को बाड़ेबंदी में डाल दिया है. चुनावी नतीजे घोषित होने से ठीक एक दिन पहले भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर सत्ता का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है. साथ ही अरुण चतुर्वेदी ने अन्य चुनाव की तरह पंचायत राज चुनाव में दल बदल कानून लागू करने की भी मांग उठाई. तो बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए डोटासरा बोले की ‘खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे’. दल बदल कानून की मांग पर डोटासरा ने कहा कि, जब केन्द्र और राज्य में थी बीजेपी की सरकार तो इनको क्यों नहीं आई याद?
पंचायत चुनाव में हुआ सत्ता का दुरुपयोग- चतुर्वेदी
भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘कुछ ऐसे मामले हैं जिनमें सरकार ने सत्ता का दुरूपयोग किया है. इन चुनावों में भरतपुर में विधायक जाहिदा की पुत्री के सामने प्रत्याशी का नामांकन वापस करवाया गया. वहीं सुभाष गर्ग और विधायक जोगिंदर अवाना के रिश्तेदारों के सामने खड़े होने वाले प्रत्याशियों का भी सत्ता के दम पर नामांकन वापस करवाया गया’. चतुर्वेदी ने आगे कहा कि, ‘मंत्री भजन लाल जाटव की पुत्रवधू जहां से खड़ी हुई वहां पर भी मतदान के एक रात पहले लोगों पर अनैतिक दबाव बनवाया गया. वहां फर्जी मतदान की शिकायतें भी सामने आई है’.
बीजेपी ने की पंचायतों में दल बदल कानून की वकालत
जिला परिषद और पंचायतों के चुनाव में राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने-अपने प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त की डर से परिणामों से पहले ही बाड़ेबंदी कर रखी है. दरअसल दोनों ही दलों को अपने दल से जीत कर आने वाले कई प्रतिनिधियों के पाला बदलने का डर सता रहा है. इसका कारण है प्रदेश में स्थानीय चुनावो में दल बदल का कानून लागू नहीं होता. बाड़ाबंदी ना हो इसके लिए दल बदल कानून इन पर भी लागू होने की वकालत भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने की है.
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‘थर्ड ग्रेड टीचर्स का तबादला करें अब डोटासरा’
पत्रकार वार्ता के दौरान अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘भाजपा अन्य चुनाव की तरह पंचायत राज चुनाव में भी दल बदल कानून लागू करने के पक्ष में है. चतुर्वेदी के अनुसार इस पर कानून बनाना राज्य सरकार का विषय है. लेकिन अगर दल बदल विरोधी कानून बना तो इन चुनावों में भी खरीद फरोख्त की आशंका कम होगी’. पत्रकार वार्ता के दौरान अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इन चुनाव के दौरान थर्ड ग्रेड टीचरों के तबादलों को लेकर नीति से जुड़ा बयान दिया था. जो सीधे तौर पर इन चुनाव को प्रभावित करने के मकसद से दिया गया बयान था’. उन्होंने कहा कि, ‘अब भाजपा चाहती है कि शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा इस दिशा में जल्द काम करें ताकि थर्ड ग्रेड टीचरों का तबादला भी हो सके’.
‘येन केन प्रकारेण कांग्रेस जीतना चाहती है चुनाव’
इससे पहले चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘राजस्थान में कांग्रेस सरकार पंचायत चुनाव को येन केन प्रकारेण जीतना चाहती है. वर्तमान चुनाव में सरकार ने सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया है. लेकिन मैं ये मानता हूं कि प्रदेश की जनता ने अपने विवेक से वोट दिया है. सरकार ने जनता से जो वादे किए थे उनमें से कोई वादा अभी तक नहीं निभाया है. इसलिए जनता चुनाव में उन्हें सबक सिखाएगी’.
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‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे, हार दिख रही तो बौखलाए’- डोटासरा
सत्ता का दुरूपयोग करने वाले आरोपों पर पलटवार करते हुए डोटासरा ने कहा कि ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ भाजपा की स्थिति ठीक ऐसी ही है. उन्हें अपनी हार नजर आने लगी है इसी कारण उन्हें ये सब बयानबाजी आ रही है’.डोटासरा ने कहा कि, इनकी बातों में दम नही है, सत्ता का दुरुपयोग तो मोदी सरकार और योगी सरकार करती है‘. सत्ता का दुरुपयोग हमने धौलपुर उपचुनाव में देखा था, उत्तरप्रदेश में तो हुआ तांडव’. वहीं अरुण चतुर्वेदी द्वारा पंचायत चुनाव में दल बदल कानून लाने पर सवाल पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि, ‘प्रदेश भाजपा को सबसे पहले ये सवाल उत्तरप्रदेश की योगी सरकार से पूछना चाहिए और वहां इस कानून को लाने पर बात करनी चाहिए. पूरे देश ने देखा की किस तरह यूपी पंचायत चुनाव में सत्ता का दुरूपयोग हुआ है’. वहीं दलबदल कानून पर बीजेपी की मांग पर डोटासरा ने कहा कि, ‘जब केन्द्र और राज्य में बीजेपी की सरकार थी तब इनको याद क्यों नहीं आई, इन्होंने उस समय क्यों नहीं की पहल?’.