Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में 12 जिलों के 50 निकायों के लिए रविवार को आए चुनाव परिणामों से उत्साहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर निशाना साधा है. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों की वजह से प्रदेश के 11 जिलों में हुए 50 नगर निगमों के चुनाव में कांग्रेस ने परचम लहराया है. डोटासरा ने दावा किया कि ज्यादातर स्थानों पर कांग्रेस बोर्ड बनाने की स्थिति में है. इसके साथ ही डोटासरा ने ओवैसी के राजस्थान में एंट्री के सवाल पर कहा कि सब जानते हैं ओवैसी भाजपा की ‘बी’ टीम है.
बता दें, राजस्थान में 12 जिलों के 50 नगर निकायों के लिए 11 दिसंबर को हुए निकाय चुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी है. प्रदेश के 12 जिलों के 1775 वार्डों में से कांग्रेस के 619 तो भाजपा के 547 प्रत्याशियों की जीत हुई है. बसपा के 7, सीपीआई के 2, सीपीआई (एम) के 2, आरएलपी के 1 और 597 निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई है. इस तरह कांग्रेस का पलड़ा भले ही भारी रहा हो लेकिन सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ में है.
चुनाव परिणामों के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता मे कहा कि जो भाजपा पार्टी 2015 में इन 50 स्थानों में से 34 में अपना बोर्ड बनाने में सफल हुई थी आज 5 साल बाद सिर्फ चार स्थानों पर अपना पूर्ण बहुमत जुटा पाई है. जो यह दर्शाता है कि बीजेपी की नीतियों से जनता का विश्वास पूरी तरह उठ गया है. डोटासरा ने कहा कि भाजपा का तीसरे स्थान पर सरक जाना साफ संकेत देता है कि लोगों के मन से भाजपा दूर होती जा रही है. हमें पूर्ण यकीन है कि 40 से अधिक स्थानों पर कांग्रेस अपना बोर्ड बनाने में सफल रहेगी.
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पीसीसी चीफ ने बताया कि जिन स्थानों पर निर्दलीय बहुमत की ओर अग्रसर है वे सभी भी कांग्रेस समर्थक ही हैं. सत्ताधारी पार्टी होने के नाते लगभग हर दूसरा उम्मीदवार पार्टी के टिकट के लिए आशान्वित रहता है और ऐसा ना होने पर वह निर्दलीय चुनाव लड़ता है. डोटासरा ने कहा कि विभिन्न स्थानों में जैसे भरतपुर में हमारे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेकर एक रणनीति के तहत सिंबल न बांट कर निर्दलीय प्रत्याशियों को मैदान में उतारा और हमारी यह रणनीति भी पूर्णतया सफल रही.
गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां पर व्यंग कसते हुए भी कहा कि उन्होंने घनश्याम तिवारी के बीजेपी ज्वाइन करने पर कहा था कि हमें बड़े चेहरों की आवश्यकता नहीं है. लेकिन लगता है कि आज की दुर्गति के बाद उन्हें फिर से सोचना पड़ेगा. डोटासरा ने कहा कि शहरों की सरकार में जनता ने कांग्रेस में विश्वास कर यह संकेत दिया एक सुशासन का वह सदैव समर्थन करते हैं और जनता ने इस बात को प्रमाणित कर दिया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार उनकी आकांक्षाओं पर खरी उतर रही है.
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पीसीसी चीफ ने बताया कि इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी महज 8 प्रतिशत स्थानों पर पूर्ण बहुमत ही प्राप्त कर सकी है. भाजपा सदैव अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर धन बल के आधार पर चुनी हुई सरकारों को गिराने का षड्यंत्र करती रहती है. लेकिन राजस्थान की बहादुर जनता ने भाजपा को आईना दिखा दिया. अभी हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी भाजपा से आगे रही है.
डोटासरा ने इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार प्रकट किया जिन्होंने दिन रात मेहनत करके जनता के बीच उनके दुख दर्द को समझा और सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाया. डोटासरा ने कहा कि अगर पंचायत समिति जिला परिषद और सरपंचों के चुनाव एक साथ होते तो स्थिति दूसरी होती.
वहीं शनिवार को असदुद्दीन ओवैसी द्वारा बीटीपी के समर्थन में किए गए ट्वीट को लेकर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पूरा देश जानता है कि ओवैसी को कौन कहां-कहां पर भेजता है. वह स्वयं अपनी सरकार बनाने के लिए कहीं नहीं जाते सिर्फ किसी एक पार्टी को फायदा करने के लिए और जगहों पर चुनाव लड़ने जाते हैं. डोटासरा ने कहा लेकिन राजस्थान में यह राजनीति नहीं चलेगी. आजादी के बाद के सात दशकों में राजस्थान में कभी भी सांप्रदायिक विचारधारा के आधार पर चुनाव नहीं लड़ा गया. आज भी यहां 36 कौमें एक साथ रहती हैं और मैं जनता और सभी राजनीतिक पार्टियों से यह कहना चाहूंगा कि जिस प्रजातांत्रिक प्रणाली को कांग्रेस ने दशकों में स्थापित किया है उसी के तहत चुनाव लड़ने की परंपरा का पालन किया जाना चाहिए और हम सभी को उसे कायम रखना चाहिए.
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वहीं गहलोत सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में होने वाले कार्यक्रमों पर डोटासरा ने कहा कि सरकार के 2 साल पूरे होने पर किए जाने वाले कार्यक्रमों के संबंध में मुख्यमंत्री ही इस फैसला लेंगे. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में कोरोना काल में हमारी सरकार ने जिस प्रकार का प्रबंधन किया और कर रही है वह काबिले तारीफ है और उसी का परिणाम है कि शहरों में कांग्रेस पार्टी के ज्यादा पार्षद जीते हैं. पीसीसी चीफ डोटासरा ने दावा किया कि आगे भी 12 जिलों के पंचायत चुनाव और शेष निकाय चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी जीतेगी. कुल मिलाकर पंचायत समिति चुनाव में मिली हार के बाद निराश कांग्रेस के लिए इन परिणामों ने संजीवनी का काम किया है. ऐसे में आने वाले समय में निकाय और पंचायत समिति चुनाव में भी पार्टी उत्साह के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी. इसके साथ ही अगले साल होने वाले तीन विधानसभा के उपचुनाव में भी कांग्रेस अब नए सिरे से अपनी रणनीति तैयार करने की कवायद में जुट गई है.
बता दें, इन 12 जिलों के 50 निकायों में अध्यक्ष पद के लिए मतदान 20 को कराया जाएगा. अध्यक्ष के लिए 14 दिसंबर को सूचना जारी होगी और नामांकन पत्र 15 दिसंबर को दोपहर 3 बजे तक दाखिल किए जा सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच 16 दिसंबर को होगी और 17 दिसंबर को दोपहर 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. चुनाव चिन्हों का आवंटन 17 दिसंबर को होगा और उसके बाद अध्यक्ष के लिए वोटिंग 20 दिसंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगी, जिसके तुरन्त बाद गिनती की जाएगी. वहीं उपाध्यक्ष के लिए वोटिंग 21 दिसंबर को होगी.