Politalks.News/Meghalya. क्या पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस (Congress) को निगल जाएगी TMC? आखिर एक के बाद एक कांग्रेस को झटके देकर क्या संदेश देना चाहती हैं ममता बनर्जी (Mamta Banerjee)? अबकी बार पूर्वोत्तर राज्य मेघालय (Meghalaya) में ममता दीदी की टीएमसी ने कांग्रेस को नया झटका दिया है. नॉर्थ गारो हिल्स जिले की ट्राइबिल काउंसिल के 11 कांग्रेस सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस का झंडा थाम लिया है. अब मजे की बात यहा है कि कांग्रेस की बजाय TMC इस काउंसिल में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी है. यही नहीं कांग्रेस के कुल 11 ही मेंबर थे और उसके सभी सदस्यों के टीएमसी में जाने के बाद वह शून्य पर आ गई है. यह कांग्रेस के लिए इस जिले की राजनीति में बड़ा झटका है, इस काउंसिल में बीजेपी और उसकी सहयोगी एनपीपी के कुल 19 सदस्य हैं. यहां भाजपा के पास कुल 2 ही मेंबर हैं.
मेघालय में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
मेघालय को तीन स्वायत्त आदिवासी विकास परिषदों बांटकर देखा जाता रहा है. इनमें हैं खासी, जयंतिया और गारो स्वायत्त परिषद. कांग्रेस के सदस्यों को पार्टी में शामिल कराने के बाद टीएमसी की स्टेट यूनिट ने ट्विटर पर लिखा कि, ‘हमारे लिए यह बेहद खास दिन है क्योंकि 11 सदस्यों ने हमारे परिवार को जॉइन किया है. हम सभी का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हैं.’ हाल ही में टीएमसी में जाने वाले पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने भी इनका स्वागत किया है, संगमा ने लिखा कि, ‘ममता बनर्जी की लीडरशिप में हम प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे’.
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मुकुल संगमा पहले ही जॉइन कर चुके TMC
नॉर्थ गारो हिल्स जिले में कांग्रेस में यह फूट कुल 17 में से 12 विधायकों के पार्टी छोड़ने के दो सप्ताह बाद ही हुई है. मुकुल संगमा समेत 12 विधायकों के टीएमसी में जाने से कांग्रेस पहले ही राज्य में बड़े झटके का सामना कर रही थी. आपको बता दें कि बंगाल में एक बार फिर से सत्ता में वापसी के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस देश के कई राज्यों में विस्तार करने के प्रयास में है. इन कोशिशों के चलते सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा है.
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TMC का ‘विस्तार रथ’
पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल कर और भाजपा को धूल चटाने के बाद ‘ममता का विस्तार रथ‘ लगातार आगे बढ़ रहा है. तृणमूल कांग्रेस ने देशभर में अपने विस्तार के लिए आक्रामक रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है. ममता के इस विस्तार रथ का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही उठाना पड़ रहा है. जिसने गोवा से बिहार, असम, त्रिपुरा और मेघालय तक में अपने नेताओं को खोया है. कांग्रेस के कई नामी चेहरे टीएमसी में शामिल हो गए हैं. हरियाणा में पूर्व कांग्रेस और राहुल गांधी के बेहद करीबी अशोक तंवर और बिहार में पूर्व सांसद कीर्ति आजाद TMC का झंडा थाम चुके हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि TMC जिस तरह से कांग्रेस को लगातार झटके दे रही है उससे आने वाले समय में विपक्षी एकता खतरे में पड़ रही है. वहीं इस TMC के इस अभियान के अगुवाई चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कर रहे हैं.