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लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तो अपना चुनावी घोषणा पत्र ‘जन आवाज पत्र’ घोषित कर दिया है लेकिन बीजेपी के घोषणा पत्र का फिलहाल इंतजार है. चुनाव आयोग ने यह साफ कर दिया है कि राजनीतिक दलों को चुनाव के कम से कम 48 घंटे पहले अपना घोषणा पत्र जारी करना होगा. ऐसे में बीजेपी सोमवार या फिर मंगलवार तक हर हाल में घोषणा पत्र जारी कर देगी. 11 अप्रैल से देश के 20 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पहले चरण के मतदान होंगे.

बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र ‘संकल्प पत्र’ के लिए केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है. घोषणा पत्र तैयार करने वाली इस समिति में कुल 20 सदस्य हैं. समिति के सदस्यों में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा पार्टी के और भी कई दिग्गज हैं. कांग्रेस के घोषणा पत्र में न्यूनतम आय गारंटी योजना और किसानों के लिए अलग बजट की घोषणा के बाद बीजेपी अपने चुनावी मसौदे के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. सूत्रों के अनुसार, भाजपा अपने घोषणापत्र में कुछ बड़े वादे करने वाली है. इन वादों में तीन प्रमुख घोषणाओं पर बीजेपी का फोकस रहेगा.

न्यूनतम आय गारंटी इनकम योजना

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के घोषणा पत्र में न्यूनतम आय गारंटी यानि ‘न्याय’ योजना को शामिल किया है. इसके तहत प्रतिवर्ष 72 हजार रुपये गरीब लोगों के खाते में जमा कराए जाएंगे. जनता के गरीब तबके के हिसाब से यह एक बड़ी योजना मानी जा रही है. चुनावी ही सही लेकिन यह वादा गरीबों की एक अधुरी इच्छा को पूरी करने जैसा है. ऐसे में बीजेपी के चुनावी मसौदे में ऐसी ही कोई योजना को शामिल किया जाएगा, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है. पिछली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के खातों में 15 लाख रुपये जमा कराने का वादा किया था. हालांकि इस बात पर किस तरह लागू किया जाएगा, इस बारे में कोई स्पष्टीकरण अब तक नहीं हुआ है.

किसानों की आर्थिक सहायता में बढोतरी

कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों के लिए अलग बजट और ऋण न चुकाने वाले किसानों को अपराधिक केस दर्ज न कराए जाने जैसे कई बातों को शामिल किया गया है. 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कृषि ऋण माफी के बारे में भी कहा था और राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनते ही ऋण माफी पर कार्य किया. राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे ने भी किसानों का 50 हजार रुपये तक का फसली ऋण माफी की घोषणा की थी. अब बीजेपी को भी किसानों पर फोकस करने वाली कोई चुनावी स्कीम लानी पड़ेगी. हालांकि अंतरिम बजट में घोषित प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये की सालाना मदद का प्रावधान रखा गया था लेकिन विपक्ष ने यह कहकर योजना पर निशाना साध दिया कि यह रकम संकट में फंसे किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है.संभावना यही है कि बीजेपी के घोषणा पत्र में किसानों को पूरी तरह से संतुष्ठ करने की कोशिश रहेगी.

रोजगार सृजन और युवाओं पर रहेगा ध्यान

पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने देश में लाखों की संख्या में रोजगार लाने का वादा किया था लेकिन आंकड़े नहीं रख पाए. यहां तक की युवा रोजगार से पर्दा उठ नहीं पाया. विपक्ष लगातार इस पर निशाना साध रहा है. नोटबंदी के बाद रोजगार तो नहीं लेकिन बेरोजगारी जरूर बढ़ गई. ऐसे में युवा तबका केंद्र सरकार से खासा नाराज है. कांग्रेस ने घोषणा पत्र में अगले दो सालों में 22 लाख सरकारी पद भरने और 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में रोजगार उपलब्ध कराने के अलावा मनरेगा के तहत 150 दिन की रोजगार गारंटी की पेशकश की है. युवाओं के नजरिए से यह रोजगार से भरी घोषणा है. अब नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी को भी ऐसी ही कुछ बड़ी रोजगारोन्मुख योजना लानी होगी. बीजेपी किसी भी तरह से युवाओं की बड़ी तादात की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहेगी.

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