Politalks.News/Rajasthan. जैसा कि पॉलिटॉक्स ने कल ही बता दिया था कि राजस्थान में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लगा सकते हैं. बुधवार को हुई गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक में सीएम गहलोत ने प्रदेश में सम्पूर्ण लॉकडाउन के फैसले के लिए एक मंत्री समूह का गठन कर इस बात के साफ संकेत दे दिए हैं कि प्रदेश में कल से 9 दिन तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है.
आपको बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कल मुख्यमंत्री निवास पर हुई गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक में संक्रमण की चेन तोड़ने के उद्देश्य से ओर ज्यादा सख्त कदम उठाने के लिए 5 मंत्रियों के एक समूह का गठन किया गया है, जिसमें नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा तथा चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को शामिल किया गया है. यह मंत्री समूह संभावित कदमों पर विचार कर गुरुवार यानी आज अपने सुझाव देगा और उसके आधार पर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
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बैठक में इन मुद्दों पर बनी आम सहमति
शादियों पर लगे रोक केवल कोर्ट मैरिज की मिले अनुमति
बैठक में कहा गया कि कोरोना की दूसरी लहर से गांवों में एवं युवाओं में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में उपचार के लिए शहर आते-आते रोगियों की स्थिति गंभीर हो रही है. इस पर बैठक में आम राय बनी कि संक्रमण की इस चिंताजनक स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए कुछ समय तक विवाह आयोजनों को स्थगित कर दिया जाए. बहुत अधिक आवश्यकता हो तो केवल कोर्ट मैरिज ही की जाए.
‘रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा गाइडलाइन’ का सख्ती से हो पालन
मंत्रिपरिषद ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए ‘रेड अलर्ट कर्फ्यू’ की गाइडलाइन को सख्ती से लागू करते हुए आवागमन न्यूनतम किए जाने का सुझाव दिया. इस दौरान अधिकाधिक वैक्सीनेशन तथा कोविड प्रबंधन से जुड़े तमाम बिन्दुओं पर गहन विचार विमर्श किया गया.
ऑक्सीजन-रेमेडिसिवर की कमी पर हुई चिंता
मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से लगातार आग्रह के बावजूद राज्य को एक्टिव केसेज के अनुपात में मेडिकल ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर की आपूर्ति नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त की और देश के सुदूर स्थानों से ऑक्सीजन का उठाव करने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र से टैंकर उपलब्ध करवाने की मांग रखी. साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बर्नपुर तथा कलिंगानगर की बजाय जामनगर एवं भिवाड़ी से ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाने पर बल दिया. इससे ऑक्सीजन का जल्द उठाव किया जाना संभव हो सकेगा.
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अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता
मंत्रिपरिषद ने इस बात पर भी विचार किया कि एक्टिव केसेज की संख्या के अनुसार राज्य को वर्तमान में 615 मैट्रिक मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता मात्र 351 मैट्रिक टन ही है. यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो 15 मई तक ऑक्सीजन की आवश्यकता करीब 795 मैट्रिक टन हो जाएगी. साथ ही ऑक्सीजन के उठाव के लिए प्रदेश में 26 अतिरिक्त टैंकरों की आवश्यकता है.
तीसरी लहर को ध्यान में रख जल्द जुटाएं जरूरी संसाधान
बैठक में यह भी कहा गया कि दूसरी लहर के साथ-साथ तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार को कोविड प्रबंधन के लिए जरूरी संसाधन समय रहते जुटा लेने चाहिए. बैठक में ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर की जल्द से जल्द खरीद सुनिश्चित किए जाने राज्य में ऑक्सीजन के अधिक से अधिक प्लाट स्थापित करने तथा दवाओं का भी स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के लिए सभी संभव प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की गई.
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नियमों का पालन ना करने वालों पर हो रही है कार्रवाई
वहीं, गृह विभाग की ओर से ‘महामारी रेड अलर्ट जनअनुशासन पखवाड़े’ की गाइडलाइन कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर की जा रही कार्रवाई तथा आगामी समय में उठाए जाने वाले संभव कदमों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड संक्रमण एवं वैक्सीनेशन की स्थिति तथा उपचार की व्यवस्थाओं से अवगत कराया गया. साथ ही कोविड प्रबंधन से जुड़े नोडल अधिकारियों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर खरीद की प्रगति के संबंध में जानकारी दी.