पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कांग्रेस द्वारा यूपी में भेजी गई बसों को रोकने के बाद से राजनीतिक बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि संकट के इस समय में भी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में दिल्ली दरबार को खुश करने की होड़ लगी हुई है. इससे पहले राजस्थान के उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ओर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने शुक्रवार सुबह प्रेस वार्ता कर केंद्र व यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. पायलट ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की पैदल चल रहे श्रमिकों को लेकर कोई ठोस नीति नहीं रही तो खाचरियावास ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा दर्ज करवाने की बात की.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने सचिन पायलट पर पलटवार करते हुए कहा कि उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट पत्रकार वार्ता कर प्रियंका गांधी की नौटंकी पर सफ़ाई देने आते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायक-सांसदों के साथ हुई वीसी में उनको बुलाते तक नहीं. कांग्रेस का ड्रामा पूरे देश ने देखा है, किस तरह प्रियंका गांधी को हीरो बनाने के लिए गरीब मज़दूरों के नाम पर कांग्रेस द्वारा नौटंकी की गई. पूरे राजस्थान में अभी तक भी मज़दूर सड़कों पर पैदल चल रहे है, लेकिन उन पर गहलोत सरकार का ध्यान नहीं है.
सतीश पूनियां ने कहा कि 1 हज़ार बसों का दावा करने वालों ने यूपी के बॉर्डर पर स्कूल वालों को डरा धमका कर, आरटीओ ने दबाव बना कर कुछ बसें खड़ी कर दी. लेकिन जिनको ले जाने के नाम पर कांग्रेस ये ड्रामा कर रही थी, वो मज़दूर उन बसों में थे ही नहीं. पूनियां ने आगे कहा कि खाली खड़ी बसों के ड्राईवर-कंडेक्टर को खाना तक नहीं दिया गया, यहां तक कि उन ड्राइवर्स ने सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी किया. एक फ़र्ज़ी सूची यूपी सरकार को पकड़ा दी, जिसमें बसों के कम और आटो, मोटरसाईकल के नम्बर ज़्यादा थे और इसी धोखाधड़ी के अपराध में यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जेल में बैठे हैं.
पूनियां ने आगे कहा कि सोनिया गांधी ने मज़दूरों का किराया देने की घोषणा की थी वो राजस्थान सरकार की बसों से उनको भेज देती, किराया सरकार को जमा करवा देती, लेकिन उन्हें वाही-वाही लुटने के लिए केवल घोषणा करनी थी, करना कुछ नहीं था. सोनिया गांधी और कांग्रेस की ढिलाई के कारण प्रदेश में लाखों लोग परेशान हुए. श्रमिकों के लिए भारत सरकार ने 85 प्रतिशत रियायत के साथ ट्रेन चलाई, लेकिन राजस्थान सरकार ने ट्रेन के ज़रिए प्रवासियों को लाने-ले जाने में रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि इसमें भले ही मज़दूरों का हित था पर गांधी परिवार का स्वार्थ पूरा नहीं हो रहा था.
वहीं कोटा के छात्रों को छोड़ने गई राजस्थान की बसों के किराए को लेकर चल रहे सियासी घमासान पर सतीश पूनियां ने कहा की फ़्री बस भेजने वालों ने कुछ बसें यूपी के छात्रों को छोड़ने के लिए भेजी थी, लेकिन यूपी की सरकार से उसका भी किराया गहलोत सरकार ने ले लिया. एक तरफ़ भारत सरकार पुरी तरह से लोगों के हितों के निर्णय करती जा रही है, दूसरी तरफ़ कांग्रेस की प्रदेश सरकार पड़ोस के प्रदेश की सरकार से बसों का किराया ले रही है.
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पूनियां ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास द्वारा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के बयान पर उन्हें सलाह देते हुए कहा की संकट के इस समय में वे गांधी परिवार की चापलूसी की होड़ में शामिल होने के बजाय, प्रदेश भर में सड़कों पर चल रहे लोगों को सरकारी बसों से उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने पर ध्यान दें.