पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना संकट के इस विषम समय में देश की राजनीति में इन दिनों कांग्रेस द्वारा यूपी में भेजी गई बसों को योगी सरकार द्वारा रोके जाने का मुददा जमकर छाया हुआ है. यूपी सरकार द्वारा बसों को परमिशन नहीं देने और कांग्रेस नेताओं की यूपी सरकार द्वारा गिरफ़्तार किये जाने को लेकर बुधवार को राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने केंद्र और यूपी सरकार सरकार पर जमकर निशाना साधा. मंत्री खाचरियावास ने कहा कि आज इन बसों को लेकर यूपी सरकार ने कहा कि इनके फिटनेस खत्म हो गए, जबकि भारत सरकार की गाइड लाइन है कि जिन वाहनों फिटनेस और परमिट भी खत्म हो गया है तो भी ऐसे वाहन 30 जून तक मान्य है. ऐसे में योगी सरकार ने केंद्र के आदेश की अवहेलना की है. इसके साथ ही खाचरियावास ने दावा करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ और उनके परिवहन मंत्री कह रहे हैं कि हमने सरकारी बसें भेजीं हैं, अगर एक भी बस सरकारी हमने भेजी है और इसको वो प्रमाणित कर दें तो मैं इस्तीफा देने तैयार हूं.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने सरकारी निवास पर पत्रकारों से रूबरू होते हए कहा कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री की वादाखिलाफी, गैरकानूनी कृत्य और भारत सरकार की अवमानना को आज हमने देखा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रियंका गांधी के कहने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा भेजी गई 1000 बसों को मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए काम लेने की बजाए यह कहकर वापस लौटा दिया कि बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं हैं, परमिट नहीं है, लाइसेंस नहीं है, यह इतना बड़ा पाप और गैरकानूनी कृत्य है जिसे माफ नहीं किया जा सकता.
खाचरियावास ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करने वाली भारत सरकार ने 30 मार्च को एक आदेश जारी किया और सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया कि 30 जून तक पूरे देश में किसी भी यात्री वाहन, कार, टैक्सी, स्कूटर, मोटरसाइकिल और बसों के परमिट, फिटनेस प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, जो खत्म हो गए हैं उन सभी को 30 जून तक मान्य माना जाएगा. देशभर में राज्य सरकारें और परिवहन विभाग के अधिकारी वाहनों को फिटनेस और परमिट के नाम पर 30 जून तक परेशान नहीं करेंगे. इससे स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश की सरकार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जो आदेश दिया गया उस आदेश को मानना सभी राज्य सरकारों का कानूनी और नैतिक कर्त्तव्य है. उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 मार्च के भारत सरकार के आदेश की अवहेलना की है इसलिए भारत सरकार को उत्तर प्रदेश सरकार के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए और उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज होना चाहिए.
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र के सभी मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश के सभी भाजपा नेता महलों में बैठकर कोरोना महामारी से डर के जनता की कोई सुध नहीं ले रहे हैं और पूरे देश में मजदूर सड़कों पर पैदल दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं, दर्द और भूख से परेशान मजदूर सड़कों पर चले जा रहे हैं लेकिन भारत सरकार मजदूरों की सुध नहीं ले रही है. मजदूरों को घरों पर पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने कोई काम नहीं किया है. राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने मजदूरों को घरों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक बसें चलाई हैं.
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प्रतापसिंह खाचरियावास ने आगे कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ ताली और थाली बजवाती है, करती कुछ नहीं है. लॉकडाउन के दौरान मजदूर परेशान होते रहे पैदल चलते रहे लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया. देश भर में पैदल चल रहे मजदूर सड़क पर मारे गए इसके लिए केंद्र सरकार, पीएम मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार है. मजूदर सड़क पर दम तोड़ रहा है और मन की बात करने वाले मोदी जी इस पर एक शब्द नहीं बोल रहे है. कोरोना काल का यह संकट का समय पीएम मोदी के लिए अग्नि परीक्षा का समय था जिसमें मोदी जी फेल हो गए. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड का राहत पैकेज की घोषणा जनता के साथ धोखा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज की घोषणा 5 दिन तक ऐसे की जैसे वो पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर रहे हो. केन्द्र सरकार को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.