Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों का पूरा ध्यान रखते हैं ये बात सभी जानते हैं. अब वो चाहे कांग्रेस के विधायक या भाजपा के विधायक. बीजेपी तो सीएम गहलोत पर ये आरोप लगाते ही रहते हैं कि राजस्थान में गहलोत के समर्थक विधायक तो खुद को सीएम समझते हैं. अब सीएम गहलोत राजस्थान के सभी विधायकों को बड़ी सौगात देने वाले हैं. जयपुर में विधानसभा के पास विधायकों के लिए बनाए जाने वाले मल्टी स्टोरी फ्लैट्स के प्रोजेक्ट का शिलान्यास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 11 अगस्त को कर सकते हैं. इस बहुप्रतिष्ठित प्रोजेक्ट में बनने वाले हर सुपर लग्जरी फ्लैट का साइज 3200 वर्गफीट होगा, जिसमें 4 बेडरूम सेट होंगे. इस प्रोजेक्ट पर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड 250 करोड़ रुपए खर्च करेगा. पिछले दिनों हाउसिंग बोर्ड प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री के यहां प्रस्ताव भेजा था, जिस पर सहमति मिल गई है. गहलोत इस कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होंगे और ऑनलाइन ही शिलान्यास करेंगे.
ज्योतिनगर में साकार होगा राजस्थान का ‘सेंट्रल विस्टा’
दिल्ली में मोदी सरकार द्वारा बनाए जा रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का विरोध कांग्रेस लगातार कर रही है. वहीं राजस्थान की कांग्रेस सरकार जयपुर में विधायकों को लग्जरी फ्लैट्स की सौगात देने जा रही है. विधानसभा के सामने ज्योति नगर में जहां अभी विधायक आवास हैं अब इसी जमीन पर इन मल्टी स्टोरी फ्लैट्स में कुल 160 यूनिट बनेगी. हर एक में फ्लैट करीब 3200 वर्गफीट का स्पेस होगा. 28 मीटर ऊंचे इस प्रोजेक्ट में जी प्लस 8 के टावर बनेंगे. विधायकों को सपने के फ्लैट करीब ढाई से तीन साल में मिलने की संभावना है. विधायकों के इस सपनों के फ्लैट में 4 बैडरूम के अलावा हर फ्लैट में 1 ड्राइंग रूम, 1 डाइनिंग रूम, एक बड़ी रसोई, एक एंट्री लॉबी, एक स्टोर और अटैच बाथरूम समेत एक घरेलू सहायक का कमरा होगा. इस पूरे प्रोजेक्ट में विधायकों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए एक हाईटेक क्लब हाउस भी बनाया जाएगा, साथ ही 12 कमरों का एक गेस्ट हाउस भी होगा.
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ऐसा होगा ‘माननीयों’ के सपनों का घर
विधायकों के फ्लैट्स के इस आवासीय परिसर में 1,200 वाहनों की क्षमता की दो मंजिला भूमिगत पार्किंग बनाई जाएगी. एक मंजिल पर 600 चौपहिया वाहन और दूसरी मंजिल पर 600 दोपहिया वाहन पार्क हो सकेंगे. एक स्विमिंग पूल, इनडोर गेम्स और आउटडोर गेम्स की सुविधाएं भी विकसित होंगी. हर टावर में ग्राउंड फ्लोर पर आगुंतकों के लिए लॉबी एरिया और एक बड़ा और छोटा मीटिंग हॉल होगा. हर टावर में रहने वालों के लिए दो लिफ्ट और एक लिफ्ट घरेलू सहायकों के लिए होगी. इस प्रोजेक्ट का काम शुरू करवाने के लिए ज्योति नगर से विधायक आवासों को खाली भी करवा दिया गया है.
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सरकार पर नहीं आयेगा कोई आर्थिक भार!
इस प्रोजेक्ट पर लगने वाले खर्चे के सवालों पर सरकार का कहना है कि इससे सरकार पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं आएगा. आवासन मंडल इस इमारत को जालूपुरा की जमीन को बेचकर आए पैसे से पूरा करेगा. सरकार ने इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी पहले जेडीए को दी थी. लेकिन बाद में उससे छीनकर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड को दे दी है. इसके साथ ही बोर्ड ने इसका काम भी शुरू कर दिया है.