Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर प्रदेश के युवा बेरोजगारों को बड़ी सौगात दी है. धनतेरस के पावन मौके पर सीएम गहलोत ने प्रदेश के युवाओं को दीवाली का तोहफा देते हुए शिक्षा विभाग में 60 हजार पदों पर शीघ्र भर्ती करने की घोषणा की है. साथ ही सीएम गहलोत ने 626 विद्यालयों को क्रमोन्नत करने का भी महत्वपूर्ण फैसला लिया है. सीएम आवास पर हुई शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक में स्कूली शिक्षा के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण की दिशा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की.
शिक्षा विभाग में इन पदों होगी सीधी भर्ती
सीएम आवास पर हुई बैठक में सीएम गहलोत ने निर्णय लिया है कि स्कूली शिक्षा में 60 हजार विभिन्न पदों पर शीघ्र भर्ती की जाएगी. इनमें अध्यापक के 31 हजार, बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के 9862, वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के 295, व्याख्याता के 6000, द्वितीय श्रेणी अध्यापक के 10 हजार, अध्यापक (विशेष शिक्षा) के 1000, पुस्तकालय ग्रेड-द्वितीय के 460, शारीरिक शिक्षक ग्रेड-द्वितीय के 461, शारीरिक शिक्षक ग्रेड-तृतीय के 461 तथा प्रयोगशाला सहायक के 461 पद शामिल हैं. साथ ही पीटीआई ग्रेड-तृतीय भर्ती-2011 के 193 पदों तथा वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2016 के 444 पदों की प्रतीक्षा सूची शीघ्र जारी की जाएगी. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि व्याख्याता भर्ती-2018 की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए.
यह भी पढ़े: उपचुनाव में चला CM गहलोत का ‘जादू’ तो BJP को गलत नीतियों व सियासी गुटबाजी ने दिलाई करारी हार
अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी विद्यालयों की बढ़ाई जायेगी संख्या
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने शहरों में अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी विद्यालयों के प्रति लोगों का उत्साह देखते हुए इन विद्यालयों की संख्या बढ़ाने के लिए सर्वे करवाए जाने की बात भी कही. सीएम गहलोत ने कहा कि जहां इनकी आवश्यकता होगी, वहां अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और खोले जाएंगे. वहीं उच्च एवं स्कूल शिक्षा के निजी शिक्षण संस्थानों में फीस निर्धारण को लेकर भी सीएम गहलोत ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया. सीएम गहलोत ने कहा कि इन सभी समस्याओं के लिए राजस्थान राज्य शिक्षा नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. यह प्राधिकरण राज्य सरकार, शिक्षण संस्थान के प्रबंधन तथा अभिभावक सहित अन्य सभी स्टेक होल्डर के हितों के संबंध में चर्चा कर उचित निर्णय लेगा.
खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए बढ़ाये जाएंगे शारीरिक शिक्षकों के पद
शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण बैठक में सीएम गहलोत ने निर्णय लिया कि खिलाडियों एवं एनसीसी की तरह ही स्काउट गाइड एवं एनएसएस के विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दिए जाने हेतु पृथक से नियम बनाने की कार्यवाही की जाएगी. साथ ही खेलों को प्रोत्साहन देने एवं बच्चों में शारीरिक शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए शारीरिक शिक्षकों के पद बढ़ाने के लिए परीक्षण कराया जाएगा. साथ ही, सरकारी एवं निजी क्षेत्र दोनों में शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे.
यह भी पढ़े: सियासी गूंज- ‘नेताजी लाख मंत्री बनना चाहें तो क्या होगा, वो ही होगा जो मंजूर-ए-गहलोत होगा…!’
गुणवत्तायुक्त शिक्षा की दिशा में राज्य सरकार नहीं छोड़ेगी कोई कमी- गहलोत
अधिकारीयों के साथ हुई बैठक में सीएम गहलोत ने निर्णय लिया कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तृतीय भाषा के 10 विद्यार्थी होने पर मांग के अनुरूप तृतीय भाषा यथा संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी आदि भाषाओं के अध्ययन के लिए सम्बन्धित भाषा के शिक्षक के पद का आवंटन किया जाएगा. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्कूल शिक्षा की उत्कृष्टता की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है. इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. स्कूलों में विद्यार्थियों का नामांकन अब तक का उच्चतम 98 लाख से अधिक हो गया है. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा की दिशा में राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी. इसके लिए सीएम गहलोत ने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग स्कूलों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को टाइम बाउण्ड पूरा करे और इसमें किसी भी स्तर पर कोई कोताही नहीं बरती जाए.
स्कूलों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पर दिया जा रहा है जोर- डोटासरा
बैठक में मौजूद शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश की स्कूलों में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को काफी तेजी से पूरा किया जा रहा है. दिसम्बर, 2018 से अब तक विभाग में 61,123 पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं और 23,720 पदोन्नतियां की गई हैं. डोटासरा ने आगे कहा कि करीब 60 हजार रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है. प्रदेश के 481 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में तथा 145 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत करने के लिए आदेश जारी कर दिये गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में की गई बजट घोषणाओं को तत्परता के साथ पूरा किया जा रहा है.
वहीं बैठक में मौजूद अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा पवन कुमार गोयल ने बताया कि राजस्थान में स्कूल शिक्षा में विद्यार्थी शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय औसत के मुकाबले बेहतर है. उन्होंने बताया कि प्राथमिक शिक्षा में आरटीई नियमों के तहत विद्यार्थी शिक्षक अनुपात 30ः1 है, जबकि प्रदेश में यह 28ः1 है. इसी प्रकार उच्च प्राथमिक शिक्षा में आरटीई नियमों के अनुसार अनुपात 35ः1 है, जबकि प्रदेश में विद्यार्थी शिक्षक अनुपात 19ः1 है. बैठक में मुख्य सचिवनिरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्तअखिल अरोरा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान भंवर लाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.