सीएम गहलोत भाजपा नेताओं की जासूसी के बहाने खुद के नेताओं पर बिठा रहे हैं पहरा- सतीश पूनियां

मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच विग्रह और पाॅवर का विभाजन मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से ही शुरु हो गया था, जो मंत्रियों के कमरों के अलाॅटमेंट में स्पष्ट तौर पर दिखा- पूनियां

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां एडीजी द्वारा गुप्तचर शाखा की नई विंग के गठन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लगातार निशाना साध रहे हैं. दिल्ली में गुप्ताचर शाखा के गठन को लेकर पूनियां ने शुक्रवार को एक बार फिर से गहलोत सरकार को घेरा. पूनियां ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नकेल तो गहलोत सरकार ने अपने नेताओं पर पहले से ही कसी हुई है, अब वह नकेल ढ़ीली कब होती है यह देखने वाली बात है.

सतीश पूनियां ने कहा कि गुप्तचर विभाग के दिल्ली में गठन का जो आदेश 22 अप्रैल का बताया जा रहा है, वह राज्यसभा चुनाव के नामांकन के बाद का है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आशंका थी कि उनके भीतर विग्रह होगा, भीतरघात होगी, अन्तर्कलह होगा. इसलिए एक नया आविष्कार अशोक गहलोत ने किया की राजस्थान के नेताओं का दिल्ली आना-जाना रहता है और उनकी सूचनाओं का संकलन नहीं हो पाता है. इसमें मंशा साफ है कि वो भाजपा नेताओं की जासूसी के बहाने खुद के नेताओं पर पहरा बिठा रहे हैं.

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पूनियां ने कहा कि गहलोत सरकार पहले बड़ी कंफर्ट मोड में थी, लेकिन राज्यसभा चुनाव में हमारे दूसरे नामांकन के बाद कांग्रेस पार्टी ने उसको बहुत हल्के में लिया. कांग्रेस का कहना था कि हम बिल्कुल कंफर्टेबल हैं, हमें कोई खतरा नहीं है बीजेपी को खतरा है. लेकिन कालांतर में ऐसा क्या हुआ कि उसी सरकार को अपने विधायकों की 10 दिन तक बाडाबंदी करनी पड़ी.

पूनियां ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच विग्रह और पाॅवर का विभाजन मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से ही शुरु हो गया था, जो मंत्रियों के कमरों के अलाॅटमेंट में स्पष्ट तौर पर दिखा, वह अब बिल्कुल पराकाष्ठा पर पहुंच गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस तरह की राजनीति करते आए हैं. इतने वर्षों में यह पहला अवसर है कि उनको खुद को असुरक्षा महसूस हो रही है. गहलोत सरकार में वरिष्ठ मंत्रियों के सचिव बदले जा रहे है यह इसका प्रमाण है.

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