Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और महिलाओं व नाबालिग बच्चियों के साथ बढ़ती बलात्कार की घटनाओं को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा. कोरोना प्रोटोकॉल के चलते पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर अपनी बात रखी. इसके साथ ही दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताने के साथ ही राज्यपाल से दखल देने की मांग भी की.
राज्यपाल महोदय को ज्ञापन देने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश में अपराध और अपराधी बेलगाम हो चुके हैं. मुख्यमंत्री गहलोत एक बुरे पिता की भूमिका में दिख रहे हैं, क्योंकि वो बच्चियों को न्याय दिलाने में सक्षम दिखाई नहीं दे रहे हैं. पूनियां ने आगे कहा कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार ऐसी लचर सरकार आई है जिसके पाये इतने कमजोर हैं कि ना तो अपनी पार्टी को संक्रमण से बचा पा रहे हैं और ना ही सरकार को बचा पा रहे हैं. लेकिन उससे भी ज्यादा चिंताजनक बात है कि अपराधों को रोकने में भी सरकार विफल है.
सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान क्राइम कैपिटल बनता जा रहा है और सरकार का इकबाल खत्म हो गया है. 20 माह में राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल है. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद जसकौर मीना औऱ विधायक मदन दिलावर भी शामिल थे.
गृहमंत्री की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाना चाहिए मुख्यमंत्री गहलोत को
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को गृहमंत्री की जिम्मेदारी किसी और को सौंपी देनी चाहिए, क्योंकि वो अपराधों पर लगाम लगाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं. कटारिया ने अपराध के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि सितंबर महीने में प्रदेश के हर हिस्से से दुष्कर्म की घटनाओं की खबर आई है. सिरोही की घटना ने तो हर किसी को दहला दिया. ज्यादातर मामलों में सरकार की लापरवाही देखी गई. कटारिया ने कहा कुछ जगहों पर तो मामले में न्याय नहीं मिलने से पीड़ितों ने आत्महत्या भी की है. कई जगह पीड़ित परिवार के मुखिया ने आत्महत्या कर ली.
सबसे असफल गृहमंत्री हैं अशोक गहलोत
वहीं प्रतिनिधिमंडल में साथ गए उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में पुलिस पर एक महीने के भीतर 8 बार हमले हो चुके हैं, लेकिन फिर भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है. आम आदमी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. क्राइम के आंकड़ों से साफ है कि अशोक गहलोत देश के सबसे असफल गृहमंत्री हैं, इसलिए उन्हें तत्काल इस पद को छोड़ देना चाहिए.