Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीसी में मरुधरा के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार की पोल खोल दी. सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के सामने 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच ऑक्सीजन और रेमडिसिविर के आवंटन में किए जा रहे भेदभाव की जानकारी दी. सीएम गहलोत ने प्रदेश के प्रमुख अखबार दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक खबर को आधार बनाकर पूरे मामले पर पीएम मोदी को ब्रीफ किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने 18 से 45 साल के युवाओं के साथ सभी को फ्री वैक्सीन देने की मांग उठाई और ऑक्सीजन व रेमडिसिविर की सप्लाई बढ़ाने की मांग भी पीएम मोदी से की.
आपको बता दें, देश व प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. प्रदेश में शुक्रवार को 15,398 नए रोगी मिले और 64 मौतें हुईं है, गुरुवार को प्रदेश में पहली बार एक्टिव रोगी एक लाख पार होकर 1,17,294 तक पहुंच गए, फिलहाल देश में एक्टिव रोगियों की संख्या के मामले में राजस्थान छठे नंबर पर है. मगर केंद्र सरकार की मनमानी ऐसी है कि इसके बावजूद देश में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के मामले में राजस्थान को 17वें नंबर पर पटक रखा है. जबकि भाजपा शासित राज्य गुजरात, मध्यप्रदेश और हरियाणा में राजस्थान के मुकाबले कम एक्टिव रोगी होने के बाद भी उनको राजस्थान से कहीं ज्यादा ऑक्सीजन और रेमडेसिविर आवंटित की जा रही है.
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देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने आज देश के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की. बैठक में सीएम गहलोत ने इस पूरे मामले को लेकर पीएम मोदी को ब्रीफ किया. राज्य सरकार ने आंकड़े जारी कर केन्द्र सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभाव का सबूत भी दिया है. आंकड़ों के जरिए राज्य सरकार ने साफ किया है कि कैसे केन्द्र सरकार ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के आवंटन में राज्य के साथ भेदभाव कर रही है?
रेमडेसिविर में इतना है अंतर
ऑक्सीजन के साथ ही राज्य सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटन के आंकड़े भी जारी किए हैं. इसके मुताबिक, 21 अप्रेल को तात्कालिक आंवटन में राजस्थान को महज 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए, जबकि गुजरात और मध्यप्रदेश को राजस्थान से कम एक्टिव केस होने के बावजूद राजस्थान से ज्यादा इंजेक्शन दिए गए. गुजरात को 1 लाख 63 हजार और मध्यप्रदेश को 92 हजार 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए. आवंटन और एक्टिव केस का प्रतिशत निकाला जाए तो राजस्थान को महज 27.50 प्रतिशत इंजेक्शन आवंटित किए गए जबकि गुजरात को 194 प्रतिशत और मध्यप्रदेश को 112 प्रतिशत आवंटन किया गया है.
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ऑक्सीजन के लिए गहलोत सरकार ने तेज की तैयारियां
इसके साथ ही प्रदेश में ऑक्सीजन की अप्रत्याशित कमी को लेकर गहलोत सरकार तेजी से सक्रिय हो गई है. गहलोत सरकार ने 9 सीनियर और जूनियर आईएएस को ऑक्सीजन का इंतजाम करने में लगा दिया है. बता दें, पिछले 4 दिन में आए कोरोना संक्रमितों मामलों को देखते हुए ऑक्सीजन की उपलब्धता 150 से बढ़कर 270 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है. ऐसे में राज्य सरकार ने माइंस कंपनियों, हिंदुस्तान जिंक, खाद कारखानों और सीमेंट कंपनियों से अधिक इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन लेने की कोशिशें तेज कर दी हैं इसके लिए औद्योगिक संगठन सीआईआई, फिक्की से भी मध्यस्थता करवाई जा रही, ताकि अगले 5 दिन में 370 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का इंतजाम करवाया जा सके. अनुमान लगाया जा रहा है कि दो दिन बाद प्रदेश को रोजाना 28 से 30 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर मिल सकेंगे.