पेट्रोल-डीजल पर VAT कम करने से सीएम गहलोत ने फिर किया इनकार, मोदी सरकार को दी ये बड़ी सलाह

केन्द्र सरकार से मांग की है कि वे तेल कम्पनियों को पाबंद करें ताकि पेट्रोल और डीजल के दामों में रोज-रोज होने वाली वृद्धि पर लगाम लग सके, अन्यथा पूर्व की भांति 5 राज्यों के चुनाव के बाद कुछ ही दिनों में ऑयल कम्पनियां कीमत बढ़ा कर केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से दी गई राहत का लाभ शून्य कर देंगी

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Politalks.News/Rajasthan. केंद्र की मोदी सरकार के बाद बीजेपी शाषित राज्यों द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के बाद प्रदेश की गहलोत सरकार पर भी राज्य का वैट (VAT) कम करने के लिए बीजेपी लगातार दबाव बना रही है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य का वैट कम करने से मना करते हुए एक बार फिर से केन्द्र सरकार से मांग की है कि वे तेल कम्पनियों को पाबंद करें ताकि पेट्रोल और डीजल के दामों में रोज-रोज होने वाली वृद्धि पर लगाम लग सके. सीएम गहलोत ने एक बयान में कहा कि अन्यथा पूर्व की भांति 5 राज्यों के चुनाव के बाद कुछ ही दिनों में ऑयल कम्पनियां कीमत बढ़ा कर केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से दी गई राहत का लाभ शून्य कर देंगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम केन्द्र सरकार से लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर नियंत्रण एवं कमी करने का आग्रह करते रहे हैं. अभी 4 नवम्बर को केन्द्र सरकार के उत्पाद शुल्क को कम करने के निर्णय से राज्य का वैट भी स्वतः पेट्रोल पर 1.8 रूपए प्रति लीटर तथा डीजल पर 2.6 रूपए प्रति लीटर कम हो गया. इस कमी से प्रदेश को 1800 करोड़ रूपए प्रति वर्ष की हानि होगी.
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि एक्साइज से जो हिस्सा सभी राज्य सरकारों को मिलता था, वह केन्द्र सरकार ने पहले से ही कम कर दिया है. साथ ही पहले से ही कोविड की स्थिति के कारण राज्यों के राजस्व में भारी कमी आ गयी है. राजस्थान राज्य का जीएसटी कम्पनसेशन का करीब 5963 करोड केन्द्र सरकार की ओर से भुगतान किया जाना बाकी है.

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मोदी सरकार को सलाह देते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पेट्रोल-डीजल-गैस से एडीशनल एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी और सेस के रूप में जो राजस्व केन्द्र सरकार इकठ्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें वैट लगाती है, इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई को देखते हुए और इसमें और अधिक कमी करनी चाहिये, जिससे राज्यों का वैट कलेक्शन स्वतः उसी अनुपात में कम हो जाएगा. जैसा 5 रूपए पेट्रोल और 10 रूपए डीजल का दाम कम करने की घोषणा के साथ ही राजस्थान राज्य को 1800 करोड़ रूपए का राजस्व कम हो जाएगा. गौरतलब हैं कि इस वर्ष के बजट के वक्त राज्य सरकार की ओर से 2 प्रतिशत वैट कम कर देने के कारण 1000 करोड रूपए का राजस्व नुकसान हो चुका है। इस प्रकार 2800 करोड़ रूपए का कुल राजस्व कम होगा.

आपको बता दें, दिवाली की पूर्व संध्या पर मोदी सरकार द्वारा महंगाई से त्रस्त देश की जनता को बड़ा तोहफा देते हुए पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की घोषणा की थी. मोदी सरकार ने पेट्रोल के उत्पाद शुल्क पर 5 रुपए और और डीज़ल पर 10 रुपये कम करने की घोषणा की थी, जिसके बाद बीजेपी शाषित राज्यों द्वारा अपने-अपने राज्यों में वैट कम करने की घोषणा कर दी है. जिसके बाद से बीजेपी द्वारा गहलोत सरकार पर राज्य का वैट कम करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है.

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