छतीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष मोहन मरकाम के पद्भाकर ग्रहण का कार्यक्रम में संबोधन देते समय सीएम भूपेश बघेल भावुक हो गए. अपने संबोधन के दौरान उनकी आखों से आंसू छलक उठे.बघेल ने कहा कि जब राहुल गांधी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. तब प्रदेश में कांग्रेस संगठन की स्थिती बहुल दयनीय थी. हम चुनाव दर चुनाव हारते जा रहे थे.
लेकिन मैंने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद तय किया कि मुझे सबसे पहले प्रदेश में मृत हालात में पड़े संगठन को जिवित करना है. संगठन की स्थिती सुढृढ हुई तो आगे तय किया कि किस तरह से चुनाव लड़ना है, इसकी रणनीति तय की गई. वर्ष 2013 से लड़ाई शुरू हुई और तब तक चैन से नहीं बैठे जब तक राज्य में सत्ता परिवर्तन नहीं हो गया.
बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि हम पुरे पांच साल सरकार के खिलाफ लड़े. जनता की मांग को मजबूती से उठाया. हमारी इसी मेहनत का फल जनता ने हमें 2018 के विधानसभा चुनाव में दिया.पीसीसी अध्यक्ष पद के रूप में अपने अंतिम संबोधन में भूपेश बघेल ने सभी लोगों का आभार जताया. सीएम बघेल ने कहा कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर लड़ाई लड़ी और सफलता मिली. हर एक का सहयोग मिला. उन्होंने मंच से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पीएल पुनिया और मोहन मरकाम के जिंदाबाद के नारे लगाए.