सीएम अशोक गहलोत टेप-रिकाॅर्डर की तरह निरंतर आरोप लगाते हैं, जिनका कोई जनाधार नहीं: पूनियां

सीएम गहलोत सरकार सही तरह से नहीं चला पा रहे हैं, कांग्रेस पार्टी में विग्रह है, आशा सहयोगिनी बहनों की मांगों पर विचार कर समाधान निकालें, प्रदेश के 20 जिलों में किसान पूरी रात बिजली का इंतजार करते हैं, दिन में भी बिजली नहीं मिलती- पूनियां

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Politalks.News/Rajasthan. गहलोत सरकार के 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां सहित चार नेताओं पर सरकार गिराने के आरोपों पर पलटवार करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में विग्रह है और इस कमजोरी को छुपाने के लिए सीएम गहलोत का भाजपा पर झूठे आरोप लगाना उनके लिए एक सहूलियत है. इसके साथ ही प्रदेश में आशासहयोगिनों और किसानों को मुफ्त बिजली के देने के मुद्दे पर भी गहलोत सरकार पर निशाना साधा.

शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में बीजेपी के नव निर्वाचित पार्षदों और मेयर की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि उन सहित चारों नेताओं पर सरकार गिराने के आरोप पूरी तरह निराधार है. सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतने परिपक्व राजनेता हैं, लेकिन कई बार अफसोस होता है कि इन दिनों जिस मानसिक तरीके से वो विचलित हैं सरकार ठीक से चला नहीं पा रहे हैं, पार्टी में विग्रह है और इस कमजोरी को छुपाने के लिए भाजपा पर झूठे आरोप लगाना उनके लिए एक सहूलियत है, हम जैसे लोगों पर भी झूठे आरोप लगाना उनके लिए सहूलियत है. पूनियां ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि इतने परिपक्व नेता टेप-रिकाॅर्डर की तरह ये निरन्तर आरोप लगाते रहते हैं, जिसका कोई आधार नहीं है.

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आशा-सहयोगिनों के धरने और किसानों को बिजली को लेकर किया तंज
वहीं सर्द रात में चल रहे आशा-सहयोगिनों के धरने पर सातीश पूनियां ने कहा कि उन्होंने आशासहयोगिनों की बात सरकार तक पहुंचाई है. एक तरफ सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन कोई काम नहीं कर रही है. हमारी मांग है कि गहलोत सरकार किसानों और आशा-सहयोगिनों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें. पूनियां ने आगे कहा कि राजस्थान के लगभग 20 जिलों के किसान पूरी रात बिजली का इंतजार करते हैं, दिन में भी बिजली मिलती नहीं है. कई जगह से ये सूचनायें आई की पूरी रातभर जीएसएस पर उन लोगों ने धरने दिये हैं और सरकार कहती है कि हमें अभी समय लगेगा, हम केवल 15 जिलों में ही दिन की बिजली दे पायेंगे. मुझे लगता है कि जब उनको किसानों से संवेदनाएं हैं, उनको आशा सहयोगिनीयों से कोई सहानुभूति है तो इस पर सरकार को जरूर विचार करना चाहिए.

आरएलपी मुखिया हनुमान बेनीवाल पर भी बोला हमला
आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के किसानों के साथ दिल्ली कूच पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन किसान आंदोलन केवल सियासी विरोध है और इसको चंद लोग कर रहे हैं. सियासी विरोध केवल मोदीजी के व्यक्तित्व और उनकी नीतियों का विरोध है. इसका हल भी सकारात्मक रूप से निकलेगा.

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