Politalks.News/Bharat. भारत की सीमा में घुसी चीनी सेना का पलायन शुरू हो चूका है और इस घटना का राजनीतिक उत्सव भी शुरू हो गया है. ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि सामना के जरिये शिवसेना ने बीजेपी के नेताओं द्वारा मोदी सरकार के महिमागान को लेकर तंज कसा है. जी हां बीते कुछ दिनों पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद भवन में कहा था कि भारत चीन के मध्य सीमा विवाद को लेकर समझौता हो गया है और जिसके बाद चीन की सेना ने LAC से पीछे हटना भी शुरू कर दिया है. रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने जहां इसे सरकार की उपलब्धि करार देते हुए उसका महिमा गान शुरू कर दिया तो वहीं बीजेपी के एक दिग्गज नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इसे लेकर सवाल खड़ा कर दिया और खुद अपनी ही सरकार से सवाल पूछा कि जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) भारतीय सीमा में आई ही नहीं तो वापस जाने की बात कैसे की जा रही है?
वहीं दूसरी ओर अब भारत चीन सीमा विवाद के बहाने शिवसेना ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. शिवसेना ने गुरुवार को अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि अगर कोई सेना हमारे इलाके में घुसी ही नहीं थी, तो फिर वापस कैसे जा रही है? शिवसेना ने सामना में लिखा कि हिन्दुस्तान की सीमा में घुसी चीन की सेना वापस लौट रही है और इस घटना का राजनीतिक उत्सव शुरू हो गया है. सालभर में चीनी सेना ने हमारी जमीन पर लगभग 20 किलोमीटर तक की घुसपैठ की थी. उस संघर्ष के दौरान गलवान घाटी में हमारे 20 जवान भी शहीद हो गए थे.
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पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दावों पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने सामना में लिखा कि चार दिन पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में जानकारी दी कि चीन से समझौता हो चुका है और उससे दो महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी कह रहे थे कि चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ नहीं की है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी अब कह रहे हैं कि चीन ने हमारी जमीन से कब्जा छोड़ दिया, मतलब चीन ने घुसपैठ की ये बात सच थी और प्रधानमंत्री देश से झूठ बोल रहे थे.
सामना के जरिये शिवसेना ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री के अनुसार जो सेना हमारी सीमा में कभी घुसी ही नहीं थी वह सेना वापस कैसे लौट रही है, ‘पैंगांग’ से सटे चीनी निर्माण ध्वस्त किए जा रहे हैं, पैंगांग परिसर में चीनियों द्वारा ठोंके गए तंबू निकाले जाने की तस्वीरें भी सामने आ रही है, चीन लौट रहा है ये भी खुशी की बात है और यह हिन्दुस्तानी रक्षा विभाग की सजगता की जीत है, ये बात स्वीकार है. लेकिन चीन घुसपैठ प्रकरण में देश के सत्ताधीश लगातार झूठ क्यों बोलते रहे, यह सवाल अनुत्तरित है.
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सामना में लिखा गया कि चीन की सेना ‘पैंगांग’ से लौट रही है और इसका राजनीतिक समारोह शुरू हो चुका है. पैंगांग सरोवर के उत्तर और दक्षिण किनारे से सेना की वापसी की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से शुरू है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लाल सेना कितनी बड़ी संख्या में हमारी सीमा में घुस आई थी. टैंक, तोप और बड़े प्रमाण में शस्त्र लेकर चीनी सैनिक लद्दाख में घुसे. अब जो लौटने को लेकर समझौता हुआ है, उसके अनुसार चीन का बेस हमेशा के लिए फिंगर-4 के पूर्व और हिंदुस्थानी सेना फिंगर-3 पर रहेगी. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हमारी एक इंच जमीन भी चीन ने नहीं ली है और न हमने गवांई है.
सामना में लिखा गया कि संसद में राजनाथ सिंह ने जब चीन के लौटने के संदर्भ में बात कही तब दलीय मतभेद भूलकर सभी दलों के नेताओं ने मेज थपथपाकर रक्षामंत्री का अभिनंदन किया, लेकिन विरोधी पक्ष को सरकार से कुछ सवाल करने थे, जो कि पूछने नहीं दिए गए. विपक्ष अगर सवाल पूछ लेता तो कौन-सा आसमान टूट पड़ता. राष्ट्रीय सुरक्षा का अत्यंत संवेदनशील मामला होने की बात कहकर संसद का मुंह बंद कर दिया गया. सवाल सिर्फ इतना है कि चीन की सेना हमारी सीमा में इंच भर भी नहीं घुसी, विपक्ष भ्रम और अफवाह फैला रहा है, गत एक साल से सरकार की ओर से हर स्तर पर जो ऐसा कहा जा रहा है, वह सब लफ्फाजी थी, ये अब स्पष्ट हो चुका है.
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वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता ने भी सरकार के इस तुक पर सवाल उठाया है. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने विदेश मंत्रालय के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) भारतीय सीमा में आई ही नहीं तो वापस जाने की बात कैसे की जा रही है. स्वामी ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि इस पहेली को हल करना चाहिए, पहले भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा बयान जारी किया गया था कि PLA सीमा को पार करके भारतीय सीमा में नहीं घुसी है, लेकिन अब वापसी की बात कैसे की जा रही है. अब उनका कहना है कि यह सरकार की कूटनीतिक और सैन्य जीत है कि भारतीय इलाके से चीनी सेना वापस जा रही है, क्या ये दोनों बातें सच हैं?