मुख्यमंत्री उन विधायकों के नाम उजागर करें जिनकी फोन टेपिंग हो रही है- पूनियां ने साधा निशाना

कांग्रेस विधायकों के फोन टेपिंग मामले पर सतीश पूनियां का बयान, विधायकों की फोन टेपिंग हो रही तो उसके सीधे-सीधे दोषी मुख्यमंत्री व गृहमंत्री होते हैं, जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा,बकोई विधायक यह आशंका व्यक्त करे कि जासूसी व फोन टेपिंग हो रही है, तो प्रदेश में अघोषित आपातकाल दिखता है- पूनियां

rajasthan bjp president satish poonia said ashok gehlot speaking as a man who has become mentally un 15919628311
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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में पायलट प्रकरण को लेकर पहले से गरमाई हुई सियासत के बीच एक बार फिर फोन टेपिंग का मुद्दा उछल गया है. लेकिन इस बार सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक ने अपनी ही सरकार पर विधायकों की जासूसी करवाने और फोन टेप करवाने के आरोप लगाए हैं. पायलट कैम्प के चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने अपनी ही गहलोत सरकार पर विधायकों के फोन टेप करवाने के आरोप लगाए हैं. इसके बाद से गहलोत सरकार प्रदेश भाजपा के निशाने पर आ गई है.

फोन टेपिंग व राज्य में मध्यावधि चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘फोन टेपिंग को लेकर कांग्रेस विधायक का बयान मीडिया में देखा, जिसमें वह कर रहे हैं कि कई विधायकों की इस तरह की बातें आई हैं कि फोन टेप हो रहे हैं, जासूसी हो रही है. प्रदेश इन्हीं आशंकाओं के बीच में है, क्योंकि प्रदेश की जनता ने एक वर्ष पहले इसी तरह का दृश्य देखा था, जब सरकार 42 दिन बाडेबंदी में रही. उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ को बर्खास्त करना पड़ा और एक चुनी हुई सरकार 42 दिन बाड़े में बंद रहे और इन्हीं आशंकाओं के बीच कोई विधायक यह आशंका व्यक्त करे कि हमारी जासूसी होती है, फोन टेपिंग होती है, तो मुझे लगता है कि प्रदेश में अघोषित किस्म का आपातकाल लगा दिखता है, हर तरफ सेंसरशिप व शंका दिखती है.’

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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि राज्य सरकार फोन टेपिंग व जासूसी कर रही है तो मेरा प्रश्न मुख्यमंत्री से है कि वो विधायक कौन हैं, जिनके फोन टेप किये जा रहे हैं, इस बात को उजागर करें. पूनियां ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रदेश में इस तरह की कवायद होती है तो उसके सीधे-सीधे दोषी मुख्यमंत्री व गृहमंत्री होते हैं, उनको आज नहीं तो कल जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा.

मध्यावधि चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में सतीश पूनियां ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार की बुनियाद कमजोर थी. बीएसपी को अवैधानिक तरीके से मर्ज किया और निर्दलीयों को शामिल किया. पूनियां ने कहा कि यह एक हिलते हुये पाये की सरकार थी, जिसकी बुनियाद कमजोर थी. सरकार में अंतर्कलह हुआ, उस अंतर्कलह का असर सीधे तौर पर राजस्थान की गर्वनेंस पर हुआ, जनता के हित के निर्णय नहीं हुये, सभी विकास कार्य ठप पड़े हैं, किसान-युवाओं से वादाखिलाफी की गई.

पूनियां ने कहा कि, ऐसी अस्थिरता के बीच में जब सरकार नैतिक रूप से कमजोर होती है तो कमजोर सरकार कितने दिन चलेगी कोई कह नहीं सकता. पूनियां ने कहा अभी फिर से कांग्रेस के अंदर अंतर्कलह दिखा है, वो धुंआ जैसा दिखता है, जहां धुआं होता है वहां आग भी होती है. कमजोर सरकार के यह संकेत मध्यावधि चुनाव की ओर इशारा कर रहे हैं.

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आए दिन रेप, हत्या एवं लूट की वारदातों से यह प्रश्न बार-बार मन में उठता है कि राजस्थान का गृहमंत्री कौन है? पूनियां

सतीश पूनियां ने कहा कि, प्रदेश में रेप और हत्या के मामले अब बहुत आम हो गए हैं. गहलोत सरकार के ढुलमुल रवैये से अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं. प्रदेश सरकार किस रीति और नीति से चल रही है, इन घटनाओं से यह स्पष्ट है. पूनियां ने आगे कहा कि जोधपुर जिले के शेरगढ़, भोपालगढ़ और फलौदी में नाबालिग बच्चियों के साथ दरिंदगी की वारदातों ने प्रदेश को शर्मसार किया है, जो बतौर गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पूरी तरह विफलता का प्रमाण है, वह राज्य में महिलाओं-बच्चियों को सुरक्षा देने में नाकाम हैं. साथ ही कानून व्यवस्था संभालने में भी गहलोत विफल हो चुके हैं, उदयपुर शहर में युवक-युवती से चाकू की नोंक पर लूटपाट व झुझुनूं जिले में अवैध खनन का विरोध कर रही महिला की गाड़ी से कुचलकर हत्या करना, आए दिन हो रही ऐसी वारदातों से यह प्रश्न बार-बार मन में उठता है कि राजस्थान का गृहमंत्री कौन है?

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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत सिर्फ बैठकों में व्यस्त रहते हैं, दिखावे के लिये घोषणाओं कर रहे हैं. वे और उनके मंत्री घर से बाहर निकलते नहीं हैं, प्रदेशभर में विकास कार्य ठप पड़े हैं और कानून व्यवस्था भी भगवान भरोसे चल रही है. ऐसे में जरूरत है कि गहलोत बैठकों के अलावा प्रदेश की जनता के बीच जाकर हकीकत को जानें और बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिये कड़े कदम उठायें.

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